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दुष्‍कर्म मामला: आरोपी RJD MLA फरार घोषित, पुलिस ने कोर्ट में दायर की चार्जशीट

दुष्‍कर्म मामले में आरोपी राजद विधायक अरुण यादव की मुश्किलें अब और ज्‍यादा बढ़ गई हैं। भोजपुर पुलिस ने न केवल उसे फरार घोषित कर दिया है बल्कि उसके खिलाफ चार्जशीट दायर की है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 06:08 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 06:16 PM (IST)
दुष्‍कर्म मामला: आरोपी RJD MLA फरार घोषित, पुलिस ने कोर्ट में दायर की चार्जशीट
दुष्‍कर्म मामला: आरोपी RJD MLA फरार घोषित, पुलिस ने कोर्ट में दायर की चार्जशीट

आरा, जेएनएन। पटना-आरा चर्चित दुष्‍कर्म मामले में आरोपी राजद विधायक अरुण यादव की मुश्किलें अब और ज्‍यादा बढ़ गई हैं। भोजपुर पुलिस ने न केवल उसे फरार घोषित कर दिया है, बल्कि उसके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर कर दिया है, जबकि इसी मामले में यूपी के लखनऊ निवासी दो और संदिग्धों के विरुद्ध अभी अनुसंधान चल रहा है। बता दें कि दुष्‍कर्म के इस मामले में पहले भी चार आरोपियों के विरुद्ध पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। राजद विधायक अरुण यादव के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किए जाने की पुष्टि भी पुलिस ने कर दी है।

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इधर, कोर्ट के सख्त रवैये के बाद आरोपी विधायक अरुण यादव की अचल संपत्ति जब्त करने में तेजी आ गई है।  एक-दो दिनों में अचल संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। इसे लेकर करीब 12 एकड़ जमीन चिह्नित की जा चुकी है। अन्य जमीन व संपत्ति की जांच की जा रही है। दरअसल, दुष्‍कर्म कांड में विधायक की गिरफ्तारी नहीं होने व सरेंडर नहीं किए जाने पर पॉक्सो कोर्ट का रवैया काफी सख्त है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए बीते तीन जनवरी को विधायक की अचल संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था। साथ ही चार्जशीट दाखिल नहीं करने पर आईओ के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की थी।

इसके बाद प्रशासन विधायक की अचल संपत्ति जब्त करने में जुटा है। 20 जनवरी को प्रगति रिपोर्ट समर्पित किया गया था। पुलिस ने इस मामले में पहले संचालिका अनीता, उसके दलाल संजीत और अभियंता अमरेश के अलावा सेक्स रैकेट के संचालक संजय यादव उर्फ जीजा के विरुद्ध चार्जशीट पहले ही फाइल कर चुकी है। 

दुष्‍कर्म मामले में नाम आने व वारंट जारी होने के पांच माह बाद भी पुलिस विधायक अरुण यादव को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इस दौरान पुलिस वारंट लेकर विधायक के ठिकानों पर दौड़ती रही, लेकिन पुलिस को विधायक का सुराग नहीं मिल सका। विधायक का पता लगाने में भोजपुर के साथ पटना पुलिस भी अब तक नाकाम रही है।

बता दें कि छह सितंबर 2019 को पीडि़ता की ओर से कोर्ट में दर्ज कराए गए पुनर्बयान में संदेश के विधायक अरुण यादव का नाम आया था। इसके दो-तीन दिन बाद तक विधायक अपने इलाके में जमे रहे, लेकिन 11 सितंबर को गिरफ्तारी वारंट के लिए पुलिस के कोर्ट पहुंचने की खबर मिलते ही अंडरग्राउंड हो गया। 13 सितंबर को कोर्ट से वारंट मिलते ही पुलिस गिरफ्तारी में जुट गई थी। इसे ले ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी गई थी। पटना पुलिस के साथ विधायक के सरकारी आवास व भोजपुर सहित हर ठिकाने पर पुलिस पहुंची थी। पटना स्थित सरकारी आवास पर तो अब तक तीन बार छापेमारी की जा चुकी है। गिरफ्तारी या सरेंडर नहीं किये जाने पर 22 सितंबर को अगिआंव के लसाढ़ स्थित आवास की कुर्की भी की गई थी। इसके बाद भी विधायक का अब तक पता नहीं चल पाया है। 


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