लॉकडाउन में बंद हो गया स्कूल तो पटना के शिक्षक ने बनाई नई राह, मशरूम उत्पादन में बढ़े कामयाबी की ओर
निजी विद्यालय के संचालक रामजी प्रसाद शर्मा 20 वर्षों से एक निजी विद्यालय का संचालन करते हैं। विद्यालय ही उनके परिवार के भरण-पोषण का एकमात्र साधन था। 14 महीनों से स्कूल बंद होने के कारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति हो गई।
बाढ़ (पटना), संवाद सहयोगी। ग्रामीण इलाकों में छोटे-छोटे निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की हालत कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन ने पूरी तरह पस्त कर दी है। इन स्कूलों के शिक्षकों को बहुत अधिक वेतन भी नहीं मिलता। जो थोड़ा-बहुत स्कूल में पढ़ाने पर मिलता था, पिछले साल यानी 2020 के अप्रैल माह से वह साधन भी बंद हो गया। कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण स्कूल कई माह से बंद हैं। इस कारण स्कूल संचालक और शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गई है। ऐसी हालत में बाढ़ के एक स्कूल संचालक ने परिवार का भरण- पोषण के लिए अपना रास्ता बदला और वे कामयाबी की ओर बढ़ चले हैं।
बाढ़ में प्राइवेट स्कूल चलाने वाली रामजी ने बनाई नई राह
बाढ़ के वाजिदपुर रोड में रहने वाले निजी विद्यालय के संचालक रामजी प्रसाद शर्मा 20 वर्षों से एक निजी विद्यालय का संचालन करते हैं। विद्यालय ही उनके परिवार के भरण-पोषण का एकमात्र साधन था। 14 महीनों से स्कूल बंद होने के कारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति हो गई। इसके बाद उन्होंने मशरूम की खेती करने की सोची। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अखबार में एक इंजीनियर की स्टोरी पढ़ी। लॉकडाउन के कारण उनकी नौकरी चली गई थी। वे अपने गांव आ गए और गांव में ही मशरूम की खेती और मछली पालन का कार्य शुरू कर दिया है। इसी खबर से मुझे मशरूम की खेती करने की प्रेरणा मिली।
एक माह का लिया था प्रशिक्षण
मशरूम की खेती शुरू करने के संबंध में रामजी प्रसाद बताते हैं कि मैंने मशरूम की खेती की बकायदा एक माह का प्रशिक्षण लिया था। यह ट्रेनिंग उन्होंने बाढ़ के अगवानपुर में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र से ली। ट्रेनिंग में जो बातें सिखाई एवं बताई गईं, उसी के अनुसार खेती शुरू की। उन्होंने बताया कि मशरूम के बीज में करीब 15 से 16 दिनों में अंकुरण आ जाता है। चार से 5 दिनों में मशरूम बाहर आने लगते हैं।
हर रोज 500 रुपए तक की हो रही आमदनी
वे प्रतिदिन चार से पांच किलो मशरूम उत्पादन कर रहे हैं। मार्केट में मांग बढ़ेगी, तब उत्पादन को और बढ़ाना पड़ेगा। अभी 100 रुपये मशरूम बिक रहे हैं। इस कारण हर दिन 400 से 500 रुपये की आय हो रही है। विषम परिस्थितियों में अदम्य साहस, उत्साह और आत्म बल से बड़ा कोई समाधान नहीं।