स्कूटी के पायदान के नीचे बना रखा था तहखाना, पटना में एेसे होती थी शराब की तस्करी Patna News
राजधानी की कोतवाली थाने की पुलिस ने ऐसे शराब तस्कर को दबोचा जो स्कूटी में तहखाना बनाकर बोतलें सप्लाई करता था। उसके पास से इंपीरियल ब्लू की 180 एमएम की छह बोतलें मिली हैं।
पटना, जेएनएन। बिहार में शराबबंदी के बावजूद धड़ल्ले से इसके इस्तेमाल के मामले सामने आ रहे हैं। नया मामला राजधानी पटना का है। कोतवाली थाने की पुलिस ने गुरुवार को एक ऐसे शराब तस्कर को दबोचा जो स्कूटी में तहखाना बनाकर बोतलें सप्लाई करता था। उस तहखाने से पुलिस को अंग्रेजी शराब के ब्रांड इंपीरियल ब्लू की 180 एमएम की छह बोतलें मिलीं।
दो ड्राइविंग लाइसेंस रखकर चलता था
गिरफ्तार राजू चौधरी उर्फ दिनेश प्रसाद उर्फ योगेंद्र चौधरी के पास से पुलिस को दो ड्राइविंग लाइसेंस भी मिले। पूछताछ में उसने कई आश्चर्यचकित करने वाली जानकारी दी। इसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। थानाध्यक्ष राम शंकर सिंह ने बताया कि शराब तस्करों के गिरोह तक पहुंचने की कवायद की जा रही है।
ऐसे सामने आया राजू का नाम
कोतवाली थाना क्षेत्र से हाल के दिनों में वाहन चेकिंग के दौरान कई शराबी पकड़े गए थे। जब उनसे पूछा जाता कि शराब कहां से लाए तो अधिसंख्य लोगों ने राजू का नाम लिया था। वह फोन पर ऑर्डर लेता था और बताए गए स्थान पर शराब की बोतल की डिलीवरी करता था। पुलिस ने जब उसके मोबाइल नंबर की डिटेल निकाली तो पता चला कि फर्जी पहचानपत्र पर सिम लिया गया था। हालांकि, टावर लोकेशन से जानकारी मिल गई कि वह जक्कनपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। उसके मोबाइल की टावर लोकेशन अक्सर डीवीसी चौक या यारपुर में मिलती थी।
मुकेश और रिजवान ने किया अच्छा काम
कोतवाली में तैनात सिपाही मुकेश सिंह और मो. रिजवान अहमद को थानाध्यक्ष ने राजू को रंगेहाथ दबोचने का जिम्मा सौंपा था। दोनों लंबे समय से राजू के पीछे लगे थे। कुछ दिन पहले वाहन चेकिंग के बहाने उसकी स्कूटी रोकी गई। डिक्की की तलाशी ली गई, लेकिन शराब नहीं मिली। फिर भी पुलिस ने जांच जारी रखी। एक मुखबिर की मदद से पता चला कि स्कूटी के पायदान के नीचे उसने तहखाना बना रखा है। उसी में शराब की बोतल को अखबार में लपेटकर रख देता है, ताकि झटका लगने पर बोतल न टूटे। पुख्ता जानकारी मिलने के बाद गुरुवार की दोपहर राजू को दारोगा राय पथ में रोका गया और थाने पर लाकर स्कूटी की जांच की गई। तब पुलिस को तहखाने का पता चला। पूछने पर राजू ने बताया कि यह तरकीब उसने खुद ईजाद की।
दुकान बंद कर करने लगा तस्करी
राजू ने बताया कि पहले यारपुर में उसकी किराने की दुकान थी। दिनभर की कमाई दो से तीन सौ रुपये होती थी। छह महीने पहले उसने दुकान बंद कर तस्करी शुरू कर दी। वह वैशाली के राघोपुर स्थित दियारा इलाके से शराब मंगवाता था। तस्कर ऑटो से उसके बताए गए स्थान पर शराब की खेप पहुंचा देते थे। 180 एमएल की एक बोतल 150 रुपये में उसे मिलती थी। चार बोतल से कम का ऑर्डर वह नहीं लेता था। एक साथ चार बोतल सप्लाई करने पर उसे 200 रुपये का मुनाफा होता था। शाम सात बजे तक ही वह शराब की डिलीवरी करता था। पूरे दिन में वह एक हजार से 1200 रुपये तक कमा लेता था। पर्व-त्योहार के समय कमाई पांच गुना तक बढ़ जाती थी।