अय्याशी के लिए बेटे ने रची अपहरण की साजिश, मां को फोन कर कहा-15 लाख दो, वर्ना...
एक कलियुगी बेटे ने बाइक और अय्याशी के लिए अपने ही अपहरण की साजिश रची और मां को फोन कर कहा कि 15 लाख रुपये दो वर्ना बेटे को जान से मार देंगे। पुलिस ने छात्र को गिरफ्तार किया है।
पटना, जेएनएन। शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र से अपहृत नौवीं के छात्र को पटना पुलिस ने शनिवार की देर रात पटना जंक्शन से सकुशल बरामद कर लिया। उसने ममेरे भाई और दो अन्य दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की साजिश रची और मां को फोन कर 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने ममेरे भाई अमित कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया है।
फिरौती की रकम से स्पोर्ट्स बाइक और बचे हुए रुपयों से अपने दोस्तों के साथ अय्याशी करने की योजना थी। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि छात्र ने पुलिस को गुमराह किया। मां से रंगदारी मांगी। नाबालिग होने की वजह से उसे रिमांड होम भेजा जाएगा।
मां को फोन कर दी धमकी
छात्र मूल रूप से मुजफ्फरपुर के कथैया थाना क्षेत्र का निवासी है। पिता रूस में वेल्डिंग का काम करते हैं। मां गांव में ही रहती हैं। उसे पढऩे के लिए सितंबर माह में पटना भेजा गया। वह शास्त्रीनगर में ही निजी स्कूल में पढ़ता है और मछली गली में मामा-मामी के साथ रहता है।
शनिवार की सुबह आठ बजे मां के मोबाइल पर छात्र के मोबाइल से ही फोन गया। फोन पर उसने कहा कि 'उसे चार लोगों ने पकड़ लिया है। 15 लाख रुपये की डिमांड कर रहे हैं। रुपए का इंतजाम करो मां, नहीं तो ये लोग मेरी हत्या कर देंगे।' यह सुन छात्र की मां ने अपने भाई और पति को फोन कर बताया कि बेटे का पटना में अपहरण हो गया है।
छात्र ने तीन घंटे बाद 11:00 बजे फिर अपने मोबाइल से मां को फोन किया और पूछा कि रुपये का इंतजाम हुआ या नहीं। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया। एसएसपी ने बताया कि शाम करीब छह बजे पुलिस को लिखित सूचना दी गई।
पुलिस की कार्रवाई की लगी भनक तो मां को किया फोन
जिस नंबर से फिरौती मांगी गई थी उसका डिटेल और लोकेशन पता करने में पुलिस जुट गई। छात्र का मोबाइल बंद था। पुलिस उसके फेसबुक प्रोफाइल के जरिए दोस्तों के बारे में जानकारी जुटाते हुए चार युवकों को संदेह के आधार पर उठाकर थाने लाई।
रात करीब आठ बजे पुलिस ने उसके ममेरे भाई अमित से भी पूछताछ शुरू कर दी। वह मूल रूप से गोपालगंज के मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र का निवासी है। उसने पुलिस को बताया कि छात्र से उसकी सुबह दस बजे बात हुई। इसी बीच पुलिस को छात्र के मोबाइल का पहला लोकेशन परसा बाजार मिला, फिर पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन।
इस बीच छात्र को भी भनक लग चुकी थी कि पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। कभी भी उसे पकड़ सकती है। इससे घबराकर उसने खुद ही मां को रात करीब 12 बजे फोन किया। बताया कि वह पटना जंक्शन पहुंच रहा है। उसका अपहरण किसी ने नहीं किया था। मां ने यह सूचना पुलिस को दी। पुलिस पटना जंक्शन पहुंच गई और छात्र को वहां से सकुशल बरामद कर थाने ले आई।
फेंक दिया था मोबाइल
रात करीब एक बजे पुलिस छात्र को थाने ले आई। पूछताछ में उसने बताया कि किसी ने उसका अपहरण नहीं किया था। उसने ममेरे भाई के साथ मिलकर फर्जी अपहरण की योजना बनाई। घर वालों से 15 लाख रुपये लेने वाले थे।
छात्र ने पुलिस को बताया कि जिस नंबर से उसने मां को फोन कर अपहरण की सूचना दी थी उसे उसने वाराणसी में फेंक दिया। उसके पास रुपये भी नहीं थे कि वह कहीं और जा सके। उसे नहीं पता था कि बात पुलिस तक पहुंच जाएगी। उसने सोचा कि 15 की जगह दस लाख रुपये आसानी से घर वाले दे देंगे। तब वह उससे डेढ़ लाख की बाइक और बाकी के रुपयों से पटना में ऐश-मौज करता।