महेंद्रू और सैदपुर में 80 फीसद मकानों के सामने टंगा 'टू लेट'
लॉकडाउन के बाद से मकान मालिकों पर कोरोना का असर देखने को मिल रहा है
पटना। लॉकडाउन के बाद से मकान मालिकों पर कोरोना का असर देखने को मिल रहा है। राजधानी के महेंद्रू और सैदपुर जैसे स्टूडेंट हब वाले इलाकों में 80 फीसद मकानों के सामने 'टू लेट' का बोर्ड लगा है। मकान ढूंढने के लिए बहुत कम लोग आ रहे हैं, अलबत्ता लॉकडाउन में गांव गए लोग जरूर लौटकर आने का आश्वासन दे रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बाद अधिसंख्य छात्र अपने गांव चले गए और अब तक लौटकर नहीं आए। कुछ छात्र तो बंद कमरे का किराया मकान मालिक को उनके बैंक खाते में दे रहे हैं, लेकिन ज्यादातर किरायेदार किराया मांगने पर मकान मालिक को लगातार टाल रहे हैं। महेंद्रू के रौशन कुमार ने बताया कि उनके यहां छात्र कमरा लेकर रहते थे, जो लॉकडाउन के बाद से घर चले गये। दोनों हर महीने का किराया अकाउंट में भेज देते हैं।
चार महीना का किराया करना पड़ा माफ : सैदपुर के मुन्ना ने बताया कि हमारे यहां तीन छात्र रह रहे थे, जिनका छह महीना का किराया बाकी था। उनके असमर्थता जताने पर चार महीना का किराया माफ कर दिया। तीनों अपना सामान लेकर चले गये हैं।
50 हजार बाकी, सामान छोड़कर भागा किरायेदार : सैदपुर के रहने वाले मकान मालिक अजित कुमार ने बताया कि उनके यहां एक किरायेदार सात महीने का किराया 50 हजार बिना दिये चला गया। उसने तीन बोरा किताबें और दो कूलर छोड़े हैं। फोन करने पर फोन नहीं उठाते हैं। नये नंबर से फोन करने पर सामान को फेंक देने की बात कहते हैं।