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दस हजार करोड़ का लेनदेन बाधित, 770 बैंक शाखाओं पर लटका ताला

बैंकों के विलय के विरोध में मंगलवार को राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 07:28 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 07:28 PM (IST)
दस हजार करोड़ का लेनदेन बाधित, 770 बैंक शाखाओं पर लटका ताला

पटना । बैंकों के विलय के विरोध में मंगलवार को राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। बैंकों के आंचलिक व क्षेत्रीय कार्यालयों पर दिनभर सरकार विरोधी नारेबाजी चलती रही। शाखाओं पर भी धरना-प्रदर्शन हुआ। बिहार में 30 हजार बैंक कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए जबकि दस हजार करोड़ रुपये का लेनदेन बाधित हुआ। हड़ताल के कारण सरकारी बैंकों के ग्राहकों को परेशानी जरूर हुई लेकिन भारतीय स्टेट बैंक, ग्रामीण बैंक, कोऑपरेटिव बैंक और निजी बैंकों के हड़ताल से बाहर रहने से हड़ताल का मिलजुला असर रहा।

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बिहार में राष्ट्रीयकृत बैंकों की कुल 4042 शाखाएं हैं। इनमें 770 शाखाएं बंद रहीं जबकि ग्रामीण बैंकों की 2110, निजी बैंकों की 876, और को-ऑपरेटिव बैंक की 286 शाखाएं खुली रहीं। भारतीय स्टेट बैंक भी हड़ताल में शामिल नहीं था।

ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन और बैंक इम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त आह्वान पर इस एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को बैंक अधिकारियों ने भी अपना नैतिक समर्थन दिया। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष डॉक्टर कुमार अरविंद ने कहा कि हड़ताल को संघ ने पूरा समर्थन दिया है। इलाहाबाद बैंक के अंचल कार्यालय, आर ब्लॉक स्थित पंजाब नेशनल बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय सहित अन्य बैंकों के अंचल व क्षेत्रीय कार्यालयों पर गोलबंद होकर बैंकों के विलय का विरोध किया गया। बिहार प्रोविंशियल बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के उप महासचिव संजय तिवारी, बैंक इम्प्लाइज फेडरेशन के महासचिव जेपी दीक्षित ने कहा कि बैंकों के विलय पर सरकार रोक लगाए। यह किसी के हित में नहीं है। इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। इसके अलावा उन्होंने छह अन्य मांगें भी रखीं। इसमें बैंकिंग रिफॉर्म पर रोक लगाने, एनपीए की हर हाल में वसूली करने, ग्राहकों पर दंडात्मक शुल्क न लगाने, रोजगार सुरक्षा की गारंटी देने, सभी बैंकों में नियुक्तियां करने, बैंकों में वेतन समझौता अविलंब करने की मांग की। एआइबीओए के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि जनता के मुद्दों को लेकर यह हड़ताल की गई है, कोई आर्थिक मांग नहीं है। इलाहाबाद बैंक के महामंत्री उत्पलकांत ने कहा कि पूरे देश में यह हड़ताल सफल रही। सरकार की नीति जनविरोधी है। मंगलवार को हड़तालियों ने निजी बैंकों को भी बंद करा दिया। कंकड़बाग, बोरिग रोड, एक्जीबिशन रोड सहित अन्य इलाकों में निजी बैंकों को बंद कराया गया। इसमें पटना के सचिव राहुल कुमार, प्रवीण कुमार, मनोज रजक, अधिकारी संघ के शैबाल चौधरी, विवेक नारायण, सुनील सिंह, मिथिलेश कुमार सहित अन्य शामिल हुए। विभिन्न यूनियनों के नेताओं ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो आगे भी यह आंदोलन चलता रहेगा।


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