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बिहार की 700 पंचायतों लगेगा वर्षा मापी यंत्र, सभी 38 जिलों में ऑटोमेटिक मौसम केंद्र बनाने की भी तैयारी

बिहार में मौसम का पूर्वानुमान लगाना अब और आसान होगा। इसके लिए प्रदेश के 33 जिलों की 700 पंचायतों में वर्षा मापी यंत्र लगाया जा रहा। वहीं सभी 38 जिलों में स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित कराया जा रहा है। स्वचालित मौसम केंद्र 534 प्रखंडों में स्थापित हो गए हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 07:19 AM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 08:23 AM (IST)
बिहार की 700 पंचायतों लगेगा वर्षा मापी यंत्र, सभी 38 जिलों में ऑटोमेटिक मौसम केंद्र बनाने की भी तैयारी
बिहार में मौसम का पूर्वानुमान लगाना होगा अब और आसान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Weather Analysis System: बिहार में मौसम का पूर्वानुमान लगाना अब और आसान होगा। इसके लिए प्रदेश के 33 जिलों की 700 पंचायतों में वर्षा मापी यंत्र (Rain Gauge) लगाया जा रहा। वहीं सभी 38 जिलों में स्वचालित मौसम केंद्र (Automatic Weather Station) स्थापित कराया जा रहा है। स्वचालित मौसम केंद्र 534 प्रखंडों में स्थापित हो गए हैं। बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Agriculture Minister Amrendra Pratap Singh) ने विधानसभा (Bihar Legislative Assembly Budget Session) में प्रश्नकाल के दौरान प्रेमशंकर प्रसाद (Prem Shankar Prasad) के सवाल के जबाव के क्रम में यह जानकारी दी। सरकार की इस पहल से किसानों को मौसम पूर्वानुमान की सटीक जानकारी मिलेगी और नुकसान की स्थिति में आकलन करना भी आसान होगा।

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मौसम केंद्र नहीं होने से फसल सहायता योजना का लाभ मिलने में मुश्किल

प्रेमशंकर प्रसाद का प्रश्न यह था कि वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 में गोपालगंज, सीवान, भोजपुर, वैशाली, अररिया, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पटना, नालंदा, पूर्णिया, बक्सर, अरवल, शेखपुरा, सारण एवं गया जिले में पंद्रह किमी की परिधि में फसल क्षति का आकलन कराने को ले मौसम आधारित संयंत्र लगाना था। कार्य एजेंसी द्वारा इन जिलों में मौसम आधारित संयंत्र पंद्रह किमी की परिधि में नहीं लगाए जाने से किसानों को फसल क्षति का वास्तविक लाभ नहीं मिल पाया।

  • 700 पंचायतों में वर्षा मापी यंत्र लगाया जा रहा

  • 38 जिलों में स्वचालित मौसम केंद्र की स्थापना

फसल क्षति सहायता योजना में भुगतान की जांच का दिया आश्‍वासन

कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान में बिहार फसल क्षति बीमा का प्रावधान नहीं है। राज्य सरकार फसल क्षति का आकलन किए जाने के बाद फसल सहायता योजना के तहत राशि उपलब्ध कराती है। नुकसान के आकलन के आधार पर ही राशि का भुगतान होता है। उन्होंने कहा कि पूर्व के मामले में अगर जांच की मांग है तो इस बारे में लिखा जाए, जांच करा दिया जाएगा।


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