पटना। 16वीं बिहार विधानसभा चुनाव देश के इतिहास में नई इबारत लिखेगा। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ऐतिहासिक पहल की है। आयोग ने पहली बार केंद्रीय सुरक्षा बल (सीपीएफ) की सात सौ कंपनी तैनात करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि सीपीएफ की एक कंपनी में अमूमन 90 से सौ जवानों की तैनाती होती है। ऐसे में 70 हजार सीपीएफ जवान चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार पहले चरण में 250 कंपनी आयोग ने रवाना कर दिया है। आयोग ने इस बार चुनाव में प्रदेश पुलिस को मतदान केंद्रों से बाहर रखने का निर्णय किया है।
दुनिया में बूथों पर दबंगई, लूटपाट और गड़बडिय़ों के लिए बदनाम बिहार के दाग को धोने के लिए आयोग ने सुचितापूर्ण चुनाव कराने की अहम पहल की है। इतनी बड़ी संख्या में आयोग द्वारा सीपीएफ की तैनाती से यह बात तो तय हो गया है परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा।
महत्वपूर्ण यह है कि पांच चरणों में चुनाव होने हैं। ऐसे में आयोग ने चरणवार चुनाव संपन्न होने के बाद सीपीएफ को अगले चरण के चुनाव के लिए भी भेजने का निर्णय किया है। उल्लेखनीय है कि पहली बार आयोग ने पांच दिन पहले मतदाताओं को फोटो युक्त मतदाता पर्ची उपलब्ध कराने, ईवीएम में प्रत्याशियों की फोटो लगाने और आप देख सकेंगे आप ने किसे वोट दिया।
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