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नैनो यूरिया से बचेंगे सब्सिडी के 50 हजार करोड़ रुपये, पहली खेप में बिहार पहुंची 17300 बोतल

बिहार के किसानों को महज पांच सौ मिलीलीटर की बोतल में अब 45 किलो बोरी वाली यूरिया उपलब्ध होगी। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने गुरुवार को इंडियन फारमर्स फॢटलाइजर को-आपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा ईजाद किए गए नैनो यूरिया को लांच किया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 10:17 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 10:17 PM (IST)
नैनो यूरिया से बचेंगे सब्सिडी के 50 हजार करोड़ रुपये, पहली खेप में बिहार पहुंची 17300 बोतल
बिहार में नैनो यूरिया से सब्सिडी के 50 हजार करोड़ रुपये बचेंगे। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार के किसानों को महज पांच सौ मिलीलीटर की बोतल में अब 45 किलो बोरी वाली यूरिया उपलब्ध होगी। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने गुरुवार को इंडियन फारमर्स फॢटलाइजर को-आपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा ईजाद किए गए नैनो यूरिया को लांच किया। बिहार को पहली खेप में इसकी 17,300 बोतलें मिली हैैं। इफको के अधिकारियों का दावा है कि नैनो यूरिया से किसानों को फायदा तो होगा ही, साथ में सरकारी सब्सिडी के 50 हजार करोड़ रुपये भी बचेंगे। 

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कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार में सामान्य यूरिया की खपत को 50 फीसद कम करना है। नैनो यूरिया की पांच सौ मिली लीटर की एक बोतल यूरिया के एक बैग के बराबर काम करती है। बिहार में 10 फसलों पर 750 जगह इसका परीक्षण किया गया है। इससे आठ फीसद अधिक उपज मिली है। इसका 90 फीसद का उपयोग पौधे कर लेते है। वहीं, मिट्टी में छिड़काव वाले दानेदार यूरिया का महज 64 फीसद उपयोग ही फसल कर पाते हैं।

विज्ञानियों का दावा है कि दलहनी फसल में एक बार और अन्य फसलों में दो बार छिड़काव करने की जरूरत होगी। एक एकड़ के लिए मात्र एक बोतल यूरिया को 125 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना होगा। नैनो यूरिया की पांच सौ मिली लीटर की एक बोतल की कीमत 240 रुपये है। वहीं, नीम कोटेड यूरिया की कीमत 266 रुपये हैं। यह साधारण यूरिया के एक बैग से 10 फीसद सस्ता है।

लांचिंग समारोह को इफको के अध्यक्ष बलविंदर सिंह नकई और प्रबंध निदेशक डा यूएस अवस्थी ने भी संबोधित किया। बहरहाल इफको का दावा है कि प्रतिवर्ष 18 करोड़ बोतल नैनो यूरिया का उत्पादन कर देश भर में 60 लाख मीट्रिक टन साधारण यूरिया की खपत को कम किया जाएगा। नैनो यूरिया पर किसी प्रकार की सब्सिडी नहीं है। देश भर के किसान एक साल में करीब तीन सौ लाख मीट्रिक टन यूरिया का उपयोग करते हैं। सरकार लगभग 50 हजार करोड़ रुपये अनुदान के रूप में खर्च करती है। नैनो यूरिया के उपयोग से साधारण यूरिया की खपत को आधा किया जा सकता है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि के साथ उर्वरक सब्सिडी में बचत होगी।


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