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पांच लाख में MBBS, 60 हजार में MBA की फर्जी डिग्री, बिहार से जुड़े तार

देश में चल रहे एक बड़े फर्जी डिग्री रैकेट का उद्भेदन हुआ है। इसके तार बिहार से भी जुड़े बताए गए हैं। गिरोह का मास्‍टरमाइंड विहार के भागलपुर का है।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 17 Feb 2017 11:28 AM (IST)Updated: Fri, 17 Feb 2017 11:27 PM (IST)
पांच लाख में MBBS, 60 हजार में MBA की फर्जी डिग्री, बिहार से जुड़े तार
पांच लाख में MBBS, 60 हजार में MBA की फर्जी डिग्री, बिहार से जुड़े तार

पटना/ दिल्ली [जागरण टीम]। देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़े डिग्री रैकेट का उद्भेदन हुआ है। धंधेबाज 10वीं से लेकर पीएसडी तक सभी डिग्रियां उपलब्ध कराते थे। इसके तार बिहार तक पसरे मिले हैं। गिरोह का मास्टरमाइंड रितेश भागलपुर का रहने वाला है। वह पांच लाख में एमबीबीएस, 60 हजार में एमबीए और 55 हजार में बीएड की डिग्री देता था।
पूछताछ में मास्टर माइंड रितेश कुमार ने बताया कि उसने फर्जी डिग्री का गिरोह चलाने के लिए सरकारी वेबसाइट आइसीएसई की तरह इंडिया आइसीएसई नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई थी, जिसपर सभी डिग्री की कॉपी उपलब्ध कराते थे। गिरोह में 10 लोग और शामिल हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
ऐसे पकड़े गए अपराधी
बीते 23 जनवरी को शाहबजुल हक ने दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने जनकपुरी स्थित कंसल्टेंसी ऑफिस में रूपेश कुमार (27) से 10वीं में दाखिले को संपर्क किया था। रूपेश ने उन्हें भरोसा दिलाया कि दाखिला लें, कोर्स पूरा होने पर मार्कशीट मिल जाएगी। 25 हजार रुपये में सौदा तय हुआ। लेकिन, शाहबाजुल को शक हो गया और वह पुलिस के पास चला गया।
चार आरोपी गिरफ्तार
रूपेश ने पुलिस को बताया कि शाहबजुल को मार्कशीट बिहार के भागलपुर जिले के भीकनपुर गुमटी निवासी रितेश कुमार (29) ने उपलब्ध कराई थी। उसने बताया कि गिरोह में हरियाणा के रोहतक जिले के राजेंद्र नगर निवासी सोमीर कुमार (36) और दिल्ली के देवली निवासी मुकेश ठाकुर (27) भी हैं। पुलिस ने तीनों को पकड़ लिया है।
भागलपुर की भी फर्जी डिग्री मिली
रितेश ने बताया कि वह भागलपुर समेत बिहार के कई विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री बनवाता था, सोमीर कुमार रोहतक विश्वविद्यालय व मुकेश ठाकुर तथा रूपेश कुमार दिल्ली विवि समेत कई विश्वविद्यालयों की डिग्रियां उपलब्ध कराते थे। उसके पास से भागलपुर की भी डिग्री बरामद की गई। उसने जनकपुरी में एक कंसल्टेंसी एजेंसी खोली थी।
200 फर्जी डिग्रियां बरामद
पुलिस के अनुसार 10वीं और 12वीं की मार्कशीट के लिए 15 से 25 हजार रुपये और एमबीए की डिग्री के 60 हजार तथा बीए की डिग्री के लिए 55 हजार रुपये लिए जाते थे। पीएचडी की डिग्री का रेट दो से तीन लाख रुपये रखा था। सरगना रितेश कुमार, रूपेश कुमार, सोमीर कुमार व मुकेश ठाकुर से 200 फर्जी डिग्रियां, लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। आरोपी अब तक दो हजार से अधिक डिग्रियां बेच चुके हैं।

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खरीदने वालों पर भी होगी कार्रवाई
गिरोह के अलावा पुलिस उन लोगों पर भी कार्रवाई करेगी, जिन्होंने फर्जी डिग्रियां खरीदी हैं। फर्जी डिग्री के आधार पर ग्रामीण इलाकों में लोग एमबीबीएस की प्रैक्टिस कर रहे होंगे। इसका इस्तेमाल नौकरी पाने में भी किया गया होगा।

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