पटना के 29 निजी अस्पतालों में सरकारी दर पर होगा कोरोना का इलाज, आप भी जान लीजिए कितना होगा खर्च
पटना के प्राइवेट अस्पतालों में भी सरकार से निर्धारित दर पर होगा कोरोना का इलाज जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों को कराया सुरक्षित बड़े सरकारी अस्पतालों में बेड खाली नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी के लिए सरकार ने निकाला समाधान
पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Coronavirus Update News: राजधानी पटना और आसपास कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 29 निजी अस्पतालों को सुरक्षित कराया है। पीएमसीएच, एम्स, रूबन और पारस अस्पताल में बेड नहीं बचने के कारण निजी अस्पतालों को कोरोना मरीज का इलाज सरकारी दर पर करने का निर्देश सरकार ने दिया है। इससे कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में काफी फायदा होगा। फिलहाल कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करने से ज्यादातर निजी अस्पताल बच रहे हैं। कुछ निजी अस्पताल ऐसे मरीजों का इलाज तो कर रहे हैं, लेकिन वहां इलाज का खर्च मोटा आ रहा है। सरकार के फैसले से अस्पतालों की मनमानी पर काफी हद तक लगाम लगने की उम्मीद है। सरकारी स्तर पर पीएमसीएच और एनएमसीएच में इलाज की व्यवस्था मुफ्त है। यहां जरूरत के मुताबिक केवल दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ सकती हैं। एम्स और आइजीआइएमएस जैसे अस्पतालों में इलाज के लिए निर्धारित शुल्क देना पड़ता है।
इन अस्पतालों का जिला प्रशासन ने किया चयन
जिला प्रशासन ने जिन निजी अस्पतालों को कोरोना मरीज के लिए सुरक्षित कराया है, उसमें हाइटेक सगुना मोड़, नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बिहटा, समय हास्पिटल सगुना मोड़, बिग अपोलो हॉस्पिटल, पारस, गेटवे, राई नर्सिंग, आरएन हॉस्पिटल, रूबन पाटलिपुत्र, मेडीपार्क, सहयोग, राजेश्वर हॉस्पिटल, ज्योति सिन्हा मेमोरियल अस्पताल, पुष्पांजलि, राज ट्रस्ट मीठापुर, फोर्ड, साईं, जगदीश मेमोरियल, मेडिजोन, कंफोर्ड हॉस्पिटल न्यू बाईपास, मेडीवर्सल, अरविंद हॉस्पिटल, होली क्रास मल्टी हॉस्पिटल, उदयन हॉस्पिटल, निक्की अस्पताल, बुद्धा कैंसर अस्पताल, अटलांटिस, मुरलीधर हास्पिटल बाढ़ का नाम शामिल है। इन अस्पतालों में जिला प्रशासन ने कोरोना मरीज का इलाज सरकारी दर पर करने को कहा है।
जानिए इलाज का खर्च
पटना जैसे ए ग्रेड के शहरों में
10 हजार रुपए प्रतिदिन एनएबीएच अस्पतालों में सामान्य बेड पर पीपीई किट, नर्सिंग-डॉक्टर व ऑक्सीजन खर्च के साथ।
15 हजार रुपये प्रतिदिन आइसीयू में भर्ती मरीजों से।
18 हजार रुपये आइसीयू में वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों से।
गैर राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त अस्पतालों में
आठ हजार प्रतिदिन पीपीई, सपोर्टिव केयर व ऑक्सीजन शुल्क के साथ।
13 हजार आइसीयू में भर्ती मरीजों से।
15 हजार प्रतिदिन आइसीयू में वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों से।