बिहार का खजाना संभालने वाले सुशील मोदी पर 28.53 लाख कर्ज, जेपी मूवमेंट के कारण नहीं कर पाए एमएससी
भाजपा की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार सुशील कुमार मोदी 28.53 लाख रुपये के कर्जदार हैं। एक दशक से अधिक समय तक बिहार का खजाना संभालने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी से ज्यादा उनकी प्रोफेसर पत्नी अमीर हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। एक दशक से अधिक समय तक बिहार का खजाना संभालने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी 28.53 लाख रुपये के कर्जदार हैं। उनकी कुल चल संपत्ति करीब 1.42 करोड़ रुपये है। उनकी प्रोफेसर पत्नी उनसे अधिक अमीर हैं। उनकी कुल संपत्ति 2.22 करोड़ रुपये से अधिक है। भाजपा की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार सुशील मोदी ने बुधवार को नामांकन के दौरान शपथ पत्र में यह जानकारी दी है। वर्ष 2018-19 में सुशील मोदी ने कुल चार लाख 150 रुपये की आय दिखाई है, जबकि इसी दौरान उनकी पत्नी की आय 13 लाख पांच हजार 490 रुपये रही।
सुशील मोदी ने शपथ पत्र में बताया है कि उत्तर प्रदेश के नोएडा में उनके और पत्नी के नाम पर एक फ्लैट है, जो वर्ष 2009 में करीब 18.35 लाख रुपये में खरीदा गया था। इस फ्लैट में उनकी और पत्नी की आधी-आधी हिस्सेदारी है। वर्तमान में फ्लैट की कीमत 29.71 लाख रुपये आंकी गई है। इसके अलावा उनके पास 105 ग्राम सोना है, जबकि उनकी पत्नी के पास 450 ग्राम सोने के गहने हैं। सुशील मोदी पर दो आपराधिक मामले लंबित हैं। किसी भी मामले में उनको सजा नहीं सुनाई गई है।
कार के लिए सरकार से लिया कर्ज
सुशील कुमार मोदी के नाम पर 28.53 लाख की देनदारी है। इसमें 17,64,853 रुपये का कर्ज उन्होंने रिश्तेदारों से लिया है। इसके अलावा बिहार सरकार से 10,88,304 रुपया कार लोन के रूप में लिया है। मोदी के पास मारुति ब्रेजा कार है, जो उन्होंने इसी साल 11.40 लाख रुपये में खरीदी है।
शेयर बाजार में भी किया है निवेश
सुशील मोदी ने करीब 9,37,389 रुपये शेयर बाजार में निवेश किया है। इसके अलावा 20 हजार रुपये म्युचअल फंड में लगाए हैं, जबकि 12 हजार रुपये का आइडीबीआइ इंफ्रास्ट्रक्चर बांड लिया है। वहीं उनकी पत्नी ने 8,49,133 रुपये के भारतीय कंपनियों के शेयर खरीदे हैं। इसके अलावा 20 हजार रुपये म्युचअल फंड में निवेश किया है।
जेपी मूवमेंट के कारण नहीं कर पाए एमएससी
सुशील कुमार मोदी ने बताया है कि उनके पास पटना साइंस कॉलेज की बॉटनी से बीएससी ऑनर्स की डिग्री है। 1973 में बीएससी करने के बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में एमएससी में एडमिशन लिया था मगर जेपी मूवमेंट के कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।