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Bihar Panchayat Eleciton 2021: भोजपुर के 19 मुखिया, 30 सरपंच, 677 वार्ड सदस्य चुनाव लड़ने से होंगे वंचित, पत्र मिलते ही मची खलबली

केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के मद में आवंटित राशि की अवधि गुजर जाने के 17 माह बाद भी ऑडिट नहीं हुआ । सरकार को रिपोर्ट नहीं भेजे जाने पर चुनाव लडऩे से वंचित होंगे । डीडीसी को भेजा पत्र मची खलबली। बीडीओ भी कार्रवाई की जद में

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 04:49 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 05:37 PM (IST)
Bihar Panchayat Eleciton 2021: भोजपुर के 19 मुखिया, 30 सरपंच, 677 वार्ड सदस्य चुनाव लड़ने से होंगे वंचित, पत्र मिलते ही मची खलबली
भोजपुर के 19 मुखिया, 30 सरपंच और 675 वार्ड सदस्य नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव , सांकेतिक तस्‍वीर

आरा, युगेश्वर प्रसाद । भोजपुर के 19 मुखिया, 30 सरपंच और 675 वार्ड सदस्य पर चुनाव नहीं लडऩे का खतरा मंडराने लगा है। इस लापरवाही के लिए जिम्मेवार प्रखंड विकास पदाधिकारी भी कार्रवाई की जद में है। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के मद में आवंटित राशि की अवधि गुजर जाने के बाद भी ऑडिट नहीं कराना इन पंचायत प्रतिनिधियों को महंगा पड़ सकता है। यह खुलासा भोजपुर जिले में ऑडिट करने के लिए अधिकृत गोयल परूल एंड कंपनी सीए के प्रतिनिधि के एक रिपोर्ट से हुआ है।

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इन जनप्रतिनि‍धियों ने ऑडिट में नहीं दिखाई रूचि

गोयल एंड परूल कंपनी के प्रतिनिधि ने उप विकास आयुक्त को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि उपरोक्त ग्राम पंचायतों के मुखिया, सरपंच एवं वार्ड सदस्य विभिन्न योजनाओं के मद में आवंटित राशि का 17 माह बाद भी ऑडिट नहीं करा पाए हैं। इसके लिए संबंधित प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी भी अपने उत्तरदायित्व के प्रति रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जिसके चलते बड़े पैमाने पर जिले में ऑडिट का कार्य बाधित हो गया है। इसके लिए उप विकास आयुक्त एवं पंचायती राज विभाग द्वारा कई स्मार पत्र भी भेजा गया है। परंतु ऑडिट के प्रति कोई रुचि नहीं ले रहा है। नतीजा धीरे-धीरे गंभीर होता जा रहा है और ऑडिट नहीं कराने वाले ग्राम पंचायत, ग्राम कचहरी एवं वार्ड सदस्य के प्रतिनिधि सरकार में ऑडिट रिपोर्ट नहीं भेजे जाने की स्थिति में चुनाव लडऩे से वंचित हो जाएंगे। जब यह मामला गंभीर होने लगा तो उप विकास आयुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को पत्र भेजकर एक माह के अंदर लंबित संपूर्ण योजना राशि का ऑडिट कराने का सख्त फरमान जारी किया है। अपने पत्र में उप विकास आयुक्त ने उल्लेख किया है कि 15 दिनों के बाद पुन: स्मार पत्र भेजा जाएगा। एक माह के अंदर ऑडिट रिपोर्ट पूर्ण नहीं होने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी को पूर्णरूपेण जिम्मेदार मानते हुए अनुशासनिक कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिख दिया जाएगा।

जाने किसी योजना का नहीं हुआ है ऑडिट:

- 12वीं वित्त योजना

- 13वीं वित्त योजना

- 14वीं वित्त योजना

- चतुर्थ राज्य वित्त योजना

- बीआरजीएफ

- मुख्यमंत्री ग्रामोदय योजना

- पंचम राज्य वित्त योजना

- ग्राम पंचायत प्रतिनिधि भत्ता

- पंचायत समिति प्रतिनिधि भत्ता

- राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना

-  ग्राम कचहरी की सभी योजनाएं

जाने किस मुखिया पर लटकी है तलवार:

ग्राम पंचायत मखदुमपुर डुमरा, हसनपुरा, गोठहूला, खवासपुर, सोहरा, सहार, खंडोल, बामपाली, कारीसाथ, कसाप, दोघरा, अमई, एयार, जितौरा जंगल महाल, खननी कला, तार, बसौरी, कुरमुरी, शंकरडीह

30 सरपंच पर भी लटकी है तलवार:

डिलिया, नोनार, रतनाढ़, दौलतपुर, हसनपुरा, खजुरिया, बलुआ, फरना, पूर्वी गुंडी, सिन्हा, बीरमपुर, दौलतपुर, धनडीहा, कायमनगर, मथुरापुर, मसाढ़, गोडाढ़- रुद्रनगर, कल्याणपुर, बाबूबांध, कोयल, नगरी, ठकुरी, गड़हनी, हेतमपुर, कातर, बागर, बसौरी, जेठवार, करथ, मोआप खुर्द।

जाने किस प्रखंड में कितने वार्ड का नहीं हुआ है ऑडिट:

प्रखंड            वार्ड

अगिआंव       53

आरा             74

बड़हरा          45

कोईलवर       11

सहार            44

संदेश            28

उदवंतनगर     42

बिहिया          34

चरपोखरी       28

जगदीशपुर     108

पीरो               71

शाहपुर           37

तरारी            100


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