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बिहार में 149 सरकारी आइटीआइ की नवंबर से बदलेगी सूरत, अगले महीने तक आएंगी नई मशीनें

Bihar ITI News जरूरत पड़ने पर अनुदेशकों के नए पदों का सृजन भी होगा। जिन आइटीआइ भवनों का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है उन्हें जल्द पूर्ण करने को कहा गया है। उद्योगों के बदलते परिवेश को देखते हुए सभी आइटीआइ को नई तकनीकों से लैस किया जा रहा है

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 12:11 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 12:11 PM (IST)
बिहार में 149 सरकारी आइटीआइ की नवंबर से बदलेगी सूरत, अगले महीने तक आएंगी नई मशीनें
बिहार में आइटीआइ का विकास करेगी सरकार। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Industrial Training Institute: बिहार सरकार ने वार्षिक बजट के आधार पर सभी सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने की कवायद तेज कर दी है। प्रदेश में 149 आटीआइ हैं जो सरकारी के अधीन है जिनमें नवंबर से बदलाव होंगे। प्रत्येक आइटीआई में 36.48 करोड़ रुपए के औसतन व्यय से उन्हें सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। इसे हब एंड स्पोक माडल के आधार पर स्थापित किया जाएगा। सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाये जाने के साथ ही एडवांस टेक्नोलाजी में मशीन लर्निंग, इंटरनेट आफ थिंग्स, ग्राफिक डिजाइन, रोबोटिक मेंटेनेंस, इलेक्ट्रिकल की मशीनें 15 अक्टूबर तक उपलब्ध होंगी। इससे बिहार के सभी सरकारी आइटीआइ से अधिक कुशल युवा निकलेंगे और उन्‍हें नौकरी व रोजगार में आसानी होगी।

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अनुदेशक के खाली पदों को भरेगी सरकार

श्रम संसाधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अगले साल मार्च तक सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में कई औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कार्य करने लगेंगे। कई इंडस्ट्री के सहयोग से आइटीआइ को और उन्नत बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है जहां विद्याथियों के आनलाइन ट्रेनिंग के साथ-साथ फिजिकल ट्रेनिंग व्यवस्था की जाएगी। यहां तक कि जिन आइटीआइ में अनुदेशक के पद खाली है उन्हें स्थायी तौर पर भरा जाएगा। फिलहाल अनुदेशकों के 243 खाली पदों को भरा जाएगा।

जरूरत के मुताबिक नए पदों का भी होगा सृजन

विभाग के मुताबिक जरूरत पड़ने पर अनुदेशकों के पद सृजन भी होगा। जिन आइटीआइ भवनों का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है उन्हें जल्द पूर्ण करने को कहा गया है। विभागीय मंत्री जिवेश कुमार के मुताबिक बिहार के आइटीआइ को उद्योगों के बदलते परिवेश को देखते हुए नई तकनीकों से लैस किया जा रहा है, ताकि बिहार के युवा तकनीकी प्रशिक्षण के बाद सीधे उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। नई टेक्नोलाजी सीखने से छात्रों को बेहतर रोजगार मिल सकेगा साथ ही उद्योग क्षेत्र का भी विकास होगा।


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