लॉकडाउन का पालन करने में शहर को पीछे छोड़ रहे गांव
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले कई दिनों से देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। जिले में जागरूकता और सख्ती के बीच इसका पालन हो रहा है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले कई दिनों से देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। जिले में जागरूकता और सख्ती के बीच इसका पालन हो रहा है। वैसे लॉकडाउन का पालन करने के मामले में रजौली प्रखंड के कई गांवों ने शहर और बाजार को पीछे छोड़ दिया है। हरदिया सेक्टर ए सहित चितरकोली, रामदासी, मंझला, बौढी, धुरगांव सहित ऐसे कई गांव हैं, जहां लोग अपने घरों में ही परिवार के समय व्यतीत कर रहे हैं। इन गांवों की गलियों में सन्नाटा पसरा रह रहा है। सुबह में आवश्यक काम से लोग निकलते हैं, उसमें भी परिवार से कोई एक ही सदस्य। फिर पूरे दिन गांवों में वीरानगी छाई रहती है।
शहरों से आ रही तस्वीरें, यह जाहिर करती हैं कि काफी संख्या में लोग खरीदारी के नाम पर घर से बाहर निकल रहे हैं। वहीं गांवों की तस्वीर इसके ठीक विपरित है। गांव की गलियां वीरान हैं। रविवार को हरदिया सेक्टर ए में कुछ इसी प्रकार का ²श्य देखने को मिला। गलियों में अजीब सा सन्नाटा पसरा था। मानो उस गांव में कोई नहीं रहता। न बच्चों की शोर और न बडे़-बुजुर्गों की बैठकी। न तो चापाकल के पास कोई महिला पानी भर रही थी और न ही कोई घर के दरवाजे पर बैठी थी। एक घर का दरवाजा खटखटाने पर परमेश्वर शर्मा बाहर निकले। उन्होंने बताया कि कोलकाता में रहकर काम करते थे। होली में गांव आए और फिर लॉकडाउन हो गया। इसलिए गांव में ही हैं। उन्होंने बताया कि गांव में पूरी तरह लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है। बेहद जरूरी होने पर कोई घर से बाहर निकलता। स्थिति है कि गांव के कई लोगों से मुलाकात भी नहीं होती। उन्होंने बताया कि अगर कोई घर से बाहर जाने की जिद करता है तो परिवार के सदस्य उसे समझाकर रोक लेते हैं। लॉकडाउन में समय व्यतीत करने के लिए बच्चों के साथ लूडो, कैरम आदि खेल का आनंद लेते हैं। उन्होंने बताया कि इस गांव की आबादी तकरीबन डेढ़ हजार है और सभी लोग अपने-अपने घरों में रह रहे हैं। उनका मानना है कि इसका पालन करने पर निश्चित तौर पर कोरोना वायरस का संक्रमण समाप्त होगा। इसी तरह का दृश्य प्रखंड के कई अन्य गांवों में देखने को मिला। इस तरह, गांव के लोग आधुनिकता की होड़ में भाग रहे शहरों को लॉकडाउन का पालन करने की नसीहत देते नजर आ रहे हैं।