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नल-जल का काम गुणवत्तापूर्ण नहीं होने से ग्रामीण नाराज

हिसुआ ( नवादा ) प्रखंड के सिघौली गांव में नल-जल योजना में अभिकर्ता द्वारा अनियमितता बरते जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 11:17 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 06:12 AM (IST)
नल-जल का काम गुणवत्तापूर्ण नहीं होने से ग्रामीण नाराज
नल-जल का काम गुणवत्तापूर्ण नहीं होने से ग्रामीण नाराज

हिसुआ ( नवादा ) : प्रखंड के सिघौली गांव में नल-जल योजना में अभिकर्ता द्वारा अनियमितता बरते जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीण मनोज कुमार , मोसाफिर कुशवाहा , अनिल चौधरी, प्रयाग चौधरी सहित दर्जन भर ग्रामीणों ने बताया कि 21 लाख रुपये की लागत से नल-जल योजना में गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने से ग्रामीणों के बीच आक्रोश है। ग्रामीणों ने बताया कि अभिकर्ता अविनाश कुमार द्वारा 320 फीट बोरिग तो किया लेकिन केसिग मात्र 55 फीट डाला गया है । 55 फीट बोरिग डालने से बरसात के दिनों में तो काम चल जाएगा लेकिन गर्मी के दिनों में जब जलस्तर में गिरावट आएगा तो योजना शोभा की वस्तु बनकर रह जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि एक तरफ सरकार सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में भी स्वच्छ एवं निर्मल जल पिलाने के लिए प्रत्येक पंचायत के प्रत्येक वार्ड में नल-जल योजना की शुरूआत किया है, लेकिन अभिकर्ता द्वारा ठीक ढंग से काम नहीं किए जाने से नल-जल योजना की सफलता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है।

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क्या कहते हैं ग्रामीण --

- अभिकर्ता द्वारा केसिग मात्र 55 फीट डाले जाने से गर्मी के दिनों में योजना गांव की शोभा की वस्तु बनकर रह जाएगी।

सिद्धेश्वर महतो , ग्रामीण, सिघौली। फोटो- 14

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- सिघौली में नल-जल योजना की शुरूआत होने पर लोगों के बीच आशा की किरण दिखलाई पड़ी थी। ग्रामीणों को पेयजल समस्या से छुटकारा मिल जाएगा लेकिन अभिकर्ता ने ग्रामीणों की आशा पर पानी फेर दिया।

अनिल चौधरी , ग्रामीण, सिघौली। फोटो- 13

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3- अभिकर्ता एवं पदाधिकारी की मिली भगत से एक भी सरकारी योजना सही मायने में धरातल पर नहीं उतर पाया है । यही हाल यहॉ लग रहे नल-जल योजना का होने वाला है ।

मोसाफिर कुशवाहा , ग्रामीण, सिघौली। फोटो-12

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- अभिकर्ता द्वारा जो पाइप लाइन बिछाई गई है, गहराई कम होने से एक या दो वर्षों के बाद पाइप मिट्टी के कटाव होने से दिखने लगेगा और जानवर आदि के आने-जाने कट जाएगा।

जितेन्द्र चौधरी , ग्रामीण, सिघौली। फोटो- 11

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क्या कहते हैं अधिकारी

- सिघौली के जमीन के अंदर पहाड़ है । नल- जल के लिए रिग मशीन से बोरिग कराया गया है । जहां तक मिट्टी है वहां तक केसिग डाला गया है। पत्थर में केसिग की आवश्यकता नहीं है। फिर भी शिकायत मिलने पर इसकी जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर अभिकर्ता के विरूद्ध् कार्रवाई की जाएगी।

कार्यपालक अभियंता , पीएचईडी, नवादा।


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