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लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर 1098 मामलों का निबटारा

व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 1 हजार 98 मामलों को आपसी समझौता के आधार पर निपटाया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 09:40 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 09:40 PM (IST)
लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर 1098 मामलों का निबटारा
लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर 1098 मामलों का निबटारा

व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 1 हजार 98 मामलों को आपसी समझौता के आधार पर निपटाया गया। वहीं 87 लाख 63 हजार 17 रुपये प्राप्त किए गए। जिला जज सह प्राधिकार के अध्यक्ष अनिल कुमार झा ने जिला पदाधिकारी कौशल कुमार तथा एसपी हरि प्रसाथ एस के साथ लोक अदालत का भ्रमण किया और कार्रवाई को देखा। उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया। जिला जज ने कहा कि लोक अदालत में लोग स्वेच्छा से मिलजुल कर विवादों का हल निकाल लेते हैं। आवश्यकता पड़ने पर प्राधिकार के अधिवक्ता उनकी मदद करने के लिये तत्पर रहते हैं।

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लोक अदालत में सभी बैंकों ने 898 ऋणियों के साथ 3 करोड़ 74 लाख 9 हजार 919 रुपये का समझौता करते हुए 85 लाख 68 हजार 5 सौ रुपये वसूले। सबसे अधिक ऋणियों के साथ समझौता करने में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक आगे रहा। वहीं पंजाब नेशनल बैंक द्वितीय स्थान पर रहा। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि व्यवहार न्यायालय में लम्बित 172 मामलों को आपसी समझौता के आधार पर निपटाया गया। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक ने 444 ऋणियों से समझौता किया। वहीं पंजाब नेशनल बैंक ने 367, भारतीय स्टेट बैंक ने 39 ऋणियों के साथ समझौता किया। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 6, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 1, यूनियन बैंक ने 4, बैंक ऑफ इंडिया ने 132, इलाहाबाद बैंक ने 2 तथा केनरा बैंक ने 3 ऋणियों के साथ समझौता किया। विद्युत विभाग ने केवल 3 विपत्र सुधार किया। विभिन्न अदालत में लम्बित मोटर वाहन दुर्घटना दावा के 32 वादों को भी आपसी समझौता के आधार पर निपटाया गया।

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मुकदमों के निष्पादन में इनका रहा सहयोग

- लोक अदालत में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश श्रीवास्तव, शशिकांत ओझा, मृत्युंजय सिंह, ख्याति सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अशोक कुमार गुप्ता, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजीव कुमार राय, अनिल कुमार राम, न्यायकर्ता कुमार अविनाश, न्यायिक दंडाधिकारीअरविन्द कुमार गुप्ता, दिवाकर कुमार तथा प्रशांत कुमार ने अपने-अपने बेंचों पर मुकदमा का निष्पादन कराया। वहीं अधिवक्ता चंद्रशेखर सिंह, मनोज कुमार, मो. तारीक, रामानुज शर्मा, सुनीता कुमारी, संजय कुमार मिश्रा, रतन कुमार, राम कृष्णा चौधरी, मदन मोहन प्रसाद सिंह, सतीश कुमार व गोरे लाल सिंह ने भी अपने-अपने बेंचों पर पक्षकार को समझा कर समझौता कराया। न्यायालयकर्मी शिव कुमार चौधरी, राज किशोर चौधरी, रमेन्द्र नाथ लाला, अमित बिहारी, रतनान्द झा, अरविन्द कुमार, राकेश कुमार, सुशील कुमार, कुणाल कुमार सहित अन्य कर्मियों ने भी अदालत की सफलता में काफी योगदान दिया।

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समाज में बढ़ता है प्रेमभाव

- प्राधिकार के सचिव ने कहा कि अदालत में पहुंचने वाले पक्षकारों की भीड़ इस बात का सूचक है कि लोग छोटी-मोटी समस्या या विवाद पर मुकदमा तो कर देते हैं लेकिन मुकदमे की परेशानी के बाद समझौता ही एक विकल्प नजर आता है। जिसका लाभ इस अदालत के द्वारा उन्हें मिलता है। लोक अदालत से मुकदमों का निपटारा होने से अदालत में लम्बित मुकदमों की संख्या भी घटती है। वहीं समाज में आपसी प्रेमभाव बढ़ता है।

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कोर्ट परिसर में मेले सा ²श्य

- शनिवार को व्यवहार न्यायालय में मेला जैसा ²श्य था। लोग अपने मुकदमों का निपटारा के लिए काफी आतुर दिखे। आपसी समझौता के बाद मुकदमे से पिड छुड़ा चुके कौआकोल थाना क्षेत्र के भोरमबाग निवासी विजय मंडल, कैलाश मंडल, अजय मंडल व सत्येन्द्र मंडल ने कहा कि इस अदालत से एक दिन में सुलह के आधार पर मुकदमा समाप्त होने से खर्च के बचत के साथ-साथ परेशानी नहीं होती है। अदालत में पेयजल, एम्बुलेंस तथा मेडिककल सुविधा की भी व्यवस्था थी। वही पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गए थे। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष अनिल कुमार झा ने इस अदालत की सफलता के लिए जिला प्रषासन, सभी न्यायिक पदाधिकारी व कर्मियों को बधाई दी।

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मामला निष्पादन में हुआ इजाफा

- विगत लोक अदालत में व्यवहार न्यायालय से जुड़े 132 मामलों का निपटारा किया गया था। वहीं इस बार 172 मामलों को निपटाया गया है। जो विवाद से निपटारा की सोच का एक शुभ संकेत है तथा यह भी संकेत देता है कि प्राधिकार प्रगति की ओर है। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनिल राम के बेंच ने सबसे अधिक मामलों को निटाया। अपाराधिक मामलों के निपटारा के लिए बनाया गया इस बेंच ने कुल 51 मामलों को समझौता के आधार पर निपटा दिया।


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