परिवहन विभाग में 90 फीसद तक घट गई राजस्व की वसूली
लॉकडाउन की अवधि में जिले परिवहन विभाग को राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है।
लॉकडाउन की अवधि में जिले परिवहन विभाग को राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है। 90 फीसद तक राजस्व घट गया है। 25 मार्च से लॉकडाउन शरू हुआ, तब से सभी प्रकार की गतिविधियां थम गई। इस बीच जो भी राजस्व प्राप्त हुए सिर्फ वाहनों की जांच के दौरान प्राप्त जुर्माना की राशि ही है। आलम यह कि यह कार्यालय फिलहाल कोविड-19 महामारी में वाहन कोषांग बना हुआ है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक इसी कोषांग में काम कर रहे हैं। सरकारी पत्रों का अनुपालन, प्रवासियों के लिए वाहन का इंतजाम आदि कार्य ही इस विभाग के कर्मियों के पास रह गया है। देशव्यापी लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही कार्यालय का सभी काउंटर बंद पड़ा है। औसतन ढाई करोड़ प्रतिमाह का है लक्ष्य
- वित्तीय वर्ष 2020-21 में करीब 30 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य मानकर विभाग के अधिकारी व कर्मी काम कर रहे हैं। औसतन प्रतिमाह ढाई करोड़ रुपये की वसूली होनी है, लेकिन वित्तीय वर्ष के पहले माह यानी अप्रैल 2020 में 22 लाख 62 हजार 770 रुपये ही राजस्व प्राप्त हुए। इसमें 18 लाख 34 हजार 403 रुपये सिर्फ जुर्माना की वसूली है। मात्र 4 लाख 28 हजार 367 रुपये ही निबंधन से प्राप्त हुए। निबंधन से प्राप्त रुपये ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार 90 फीसद राजस्व की वसूली कम हो गई। गत वर्ष लक्ष्य से ज्यादा की हुई वसूली
- वित्तीय वर्ष 2019-20 की समाप्ति के 7 दिन पूर्व ही देशव्यापी लॉकडाउन घोषित होने के बावजूद जिला परिवहन विभाग लक्ष्य को पार कर चुका था। लक्ष्य से 8 फीसद ज्यादा की वसूली हुई थी। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जिला का लक्ष्य 28.47 करोड़ था। इसके विरुद्ध 30 करोड़ 98 लाख 10 हजार 670 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था। जो कि लक्ष्य का 108 फीसद था। चार स्रोतों से आता है राजस्व
- परिवहन विभाग को चार स्रोतों निबंधन, ड्राइविग लाइसेंस, समन (जुर्माना) और टैक्स से राजस्व की प्राप्ति होती है। लॉकडाउन की अवधि में राजस्व का मुख्य स्रोत जुर्माना ही रहा है। इसमें पुलिस विभाग का ज्यादा योगदान रहा है। लॉकडाउन की अवधि में दो पहिया व चार पहिया वाहनों की सघन जांच हुई है। इस दौरान पुलिस महकमा काफी सख्ती से जुर्माना की वसूली की है। मई का आंकड़ा आना शेष है।