रजौली के अस्पताल में गंदे चादर पर मरीजों को सोने की मजबूरी
अनुमंडलीय अस्पताल रजौली में इन दिनों मरीज गंदे चादर पर सोने को विवश हैं। गंदे और बदबूदार
अनुमंडलीय अस्पताल रजौली में इन दिनों मरीज गंदे चादर पर सोने को विवश हैं। गंदे और बदबूदार चादर के चलते मरीजों में संक्रमण होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। कहा जा रहा है कि करीब दो महीने से अस्पताल के चादरों की धुलाई नहीं कराई गई है। जिससे चादरों से काफी बदबू निकल रहा है और वही चादर मरीजों को बिछाने के लिए बेड पर दिया जाता है।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक प्रतिदिन गर्भवती महिलाओं का प्रसव होने के बाद चादर पर खून व गंदगी लगती है। लेकिन उन चादरों को धुलाई करवाने के बजाए जैसे-तैसे रख दिया जाता है। बाद में वही चादर मरीजों को बेड पर बिछाने के लिए उपलब्ध करा दिया जाता है। जिससे अस्पताल में इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों को संक्रमण का खतरा सता रहा है। गौरतलब है कि अनुमंडलीय अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र के रिपुंजय कुमार ने अस्पताल के चादरों की धुलाई का पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत ठेका ले रखा है। बावजूद चादर की धुलाई में लापरवाही बरती जा रही है। वहीं अस्पताल प्रबंधन पर इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे लोगों में काफी नाराजगी है। क्षेत्र के बुद्धिजीवियों का कहना है कि अस्पताल उपाधीक्षक से लेकर हेल्थ मैनेजर तक इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
- चादर की सफाई का जिम्मा प्राइवेट कंपनी को दिया गया है। संवेदक के स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है। इससे वरीय अधिकारी को अवगत कराया गया है। संवेदक का राशि भुगतान रोक दिया गया है।
एनके चौधरी, अस्पताल उपाधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पताल रजौली।