पाताल में भागते पानी को रोकने के लिए तालाब व चैकडैम की शुरू होंगी योजनाएं
मनरेगा से भू-जलस्तर क्षमता को बेहतर बनाने के लिए डीआरडीए की ओर से शनिवार को कार्यशाल
मनरेगा से भू-जलस्तर क्षमता को बेहतर बनाने के लिए डीआरडीए की ओर से शनिवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। नगर भवन में आयोजित इस कार्यशाला में उपविकास आयुक्त सावन कुमार ने जिले के गिरते भू-जलस्तर को सुदृढ़ करने के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले के आठ प्रखंडों के 25 पंचायतों को क्रीटिकल पंचायत के रूप में चुना गया है। जहां भू-जल स्तर की स्थिति चिताजनक है। लिहाजा इन पंचायतों में प्राथमिकता के आधार पर भू-जल स्तर को बेहतर करने से जुड़ी योजनाओं का चयन कर उनका क्रियान्वयन करना है। ताकि पानी के गिरते लेयर को नियंत्रित की जा सके। सबसे अधिक निजी जमीन पर तालाब निर्माण, पहाड़ी इलाकों में वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए चैकडैम, मिट्टी के बांध व पौधरोपण पर दिया गया है। इसके अलावा आहर-पइन का भी जीर्णोधार किया जाएगा। उपविकास आयुक्त ने कहा कि मनरेगा की योजना जिले के सभी पंचायतों में चलाई जाएगी। उन्होंने सभी पीआरएस से कहा कि योजनाओं के चयन को लेकर वे अभी से तत्पर रहें। ताकि समय रहते काम शुरू हो सके। वर्षा शुरू से पहले इन सभी योजनाओं पर काम शुरू करके खत्म कर लेने पर जोर दिया गया है। इस कार्यशाला में विभिन्न विभाग के कार्यपालक अभियंता, डीएओ, भूमि संरक्षण के सहायक निर्देश व सभी प्रखंडों के पीओ, पीटीए, जेई, पीआरएस व डीआरडीए के कई विभागीय कर्मी उपस्थित थे।
-----------------------
- ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को 20 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य
उपविकास आयुक्त ने कार्य योजना का लक्ष्य तय करते हुए कहा कि सभी 187 पंचायतों में 7 जून को ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। यहां से मनरेगा की योजनाओं का चयन कर वहां से पास कराते हुए 8 जून से काम शुरू कर देना है। उन्होंने चयनित योजनाओें पर काम को तेजी से कराते हुए अगले 15-20 दिन के अंदर यथासंभव पूरा करने को कहा। इसके लिए इलाके में नए निजी तालाब, चैकडैम, सोखता, आहर-पइन का जीर्णाेधार आदि योजनाएं लेकर काम शुरू करवाने हैं।
------------------------
कार्यशाला में सैंकड़ो योजनाओं की प्राप्त हुई सूची, लाभुक कर सकते हैं आवेदन
-कार्यशाला के दौरान अलग-अलग प्रखंडों से अब तक की चयनित मनरेगा योजनाओं की सूची भी प्राप्त की गई। जानकारी के मुताबिक सोखता यानि शॉकपीट के लिए जिला से 20 हजार यूनिट का लक्ष्य दिया गया है। इसके जवाब में अब तक 12 हजार यूनिट का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। शेष लक्ष्य को पूरा करने के लिए भी कहा गया है। इसके अलाव निजी तालाब की 586, टेड़ुआ की 578, आहर की 879, पइन की 968 व पौधारोपण की 232 यूनिट की योजनाओं की सूची प्राप्त हुई है। पंचायतों में शुरू होने वाली इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए इच्छुक लाभुक भी आवेदन कर सकते हैं। एक साथ मनरेगा की इन योजनाओं के शुरू होने से मनरेगा मजदूरों को रोजगार भी अधिक मिलेगा। समझने के लिए एक निजी तालाब की योजना में कम से कम 900 मानव दिवस रोजगार सृजन होने हैं। निजी तालाब की एक योजना पर 01 लाख 60 हजार रुपये खर्च होंगे। सभी काम विभागीय स्तर से कराए जाएंगे।
------------
कृषि, पीएचईडी, भूमि संरक्षण मिलकर करेंगे काम
नवादा जिले में गिरते भू-जल स्तर को रोकने को लेकर अनेक विभाग को जवाबदेही सौंपी गई है। सभी आपस में समन्वयक बनाकर काम करेंगे। ग्रामीण विकास विभाग के आदेश के बाद भू-जल स्तर को सुधारने के लिए अनेक योजनाओं को एक साथ चालू करने की रूपरेखा तय हुई है। सभी योजनाएं भू-जल स्तर में सुधार की दिशा में काम करेगी। इस कार्ययोजना को लेकर पीएचईडी, कृषि, भूमि-सरंक्षण, लघु सिचाई एक साथ मिलकर काम करेंगे। जल संरक्षण, जल संचयन, लघु सिचाई, पुराने जल निकाय का उत्थान, गर्भ जलधारण क्षमता का विकास, खेत-पोखर, रिचार्ज पीट, सोखता आदि के लिए योजनाएं लेने को कहा है। सार्वजनिक भूमि पर जल संरक्षण और जल संचयन अंतर्गत चैकडैम, बांध, आहर-पइन, पोखर, कराही, नहर, पौधारोपण की योजनाएं भी ली जानी है। परती व खाली जमीन पर पौधरोपण की योजनाएं भी प्रमुखता से ली जानी है। इन सबके लिए डीडीसी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई है।
---------------
ग्राफिक्स-
मनरेगा से चयनित योजनाएं
योजना का नाम- संख्या यूनिट
-सोखता-12 हजार यूनिट
निजी तालाब-586 यूनिट
टेड़ुआ निर्माण-578 यूनिट
आहर का जीर्णोधार-879 यूनिट
पइन का जीर्णोधार-968 यूनिट
पौधारोपण स्कीम-232 यूनिट
-----------------
ग्राफिक्स:
क्रिटिकल पंचायत जो चिह्नित हुए हैं
प्रखंड-चयनित पंचायत
सिरदला-सवैयाटाड़, चितरकोली, हरदिया
गोविदपुर-माधोपुर, सरकंडा, गाविदपुर, सुघड़ी
नवादा सदर-भदोखरा, भदौनी, लोहरपुरा, कादिरगंज
काशीचक-खखरी, चंडीनावां
हिसुआ-सोनसा, कैथिर, तुंगी, दोना
नारदीगंज-हड़िया
कौआकोल-सरौनी, महुडर
अकबरपुर- बुधुआ