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नवाद के मेसकौर के लोग पानी के लिए परेशान, प्रशासन व जनप्रतिनिधि बेखबर

संवाद सूत्र मेसकौर (नवादा)। जिला मुख्यालय से लगभग 30-40 किलोमीटर सुदूर इलाका मेसकौर में पानी की भारी किल्लत से इन दिनों आम लोग परेशान हैं। ग्रामीणों द्वारा पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रखंड स्तरीय प्रशासन व संबंधित विभाग को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए लिखित रूप से सूचना देते रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 10:45 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 10:45 PM (IST)
नवाद के मेसकौर के लोग पानी के लिए परेशान, प्रशासन व जनप्रतिनिधि बेखबर
नवाद के मेसकौर के लोग पानी के लिए परेशान, प्रशासन व जनप्रतिनिधि बेखबर

संवाद सूत्र, मेसकौर (नवादा)। जिला मुख्यालय से लगभग 30-40 किलोमीटर सुदूर इलाका मेसकौर में पानी की भारी किल्लत से इन दिनों आम लोग परेशान हैं। ग्रामीणों द्वारा पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रखंड स्तरीय प्रशासन व संबंधित विभाग को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए लिखित रूप से सूचना देते रहे हैं। बावजूद पानी की समस्या का निदान नहीं हो सका है। प्रखंड मुख्यालय स्थित अस्पताल, प्रखंड कार्यालय, थाना परिसर, चौक- चौराहे सहित अनेक गांव में पानी की भारी किल्लत है। अनेकों महिलाओं ने कहा कि पानी के लिए बहुत परेशानी है। सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।

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अस्पताल व प्रखंड कार्यालय के कर्मी घर से लेकर आते हैं पानी : अस्पताल एवं प्रखंड मुख्यालय में काम करने वाले कर्मी अपने साथ पानी का बोतल लेकर आते हैं। गर्मी का मौसम होने के कारण इन दिनों हर तरफ चापाकलों पर पानी के लिए लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है। पहले हम, पहले हम की स्थिति गांव वालों के बीच बनी हुई है। पानी भरने को लेकर कभी-कभी ग्रामीणों के बीच नोकझोंक भी होती रहती है।

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मेसकौर के मुखिया बोले-पानी के लिए अनेक बार अफसरों से मिला पर नहीं दिया गया ध्यान

मेसकौर पंचायत के मुखिया रामानंद प्रसाद ने बताया कि मेसकौर पंचायत अंतर्गत मेसकौर सबसे बड़ा गांव है। जिसकी आबादी लगभग पांच हजार है। मेसकौर पंचायत मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालय भी है। इस गांव में जलापूर्ति के लिए सिर्फ एक बोरिग ग्राम रंका जलालपुर में है। जबकि मेसकौर गांव में ही पांच वार्ड स्थित हैं। सभी को एक बोरिग से पानी पूर्ति संभव ही नहीं है। विभाग के द्वारा नल जल के नाम पर खानापूर्ति की गई है।7 पंचायत के पिछली, नागवेल, जलालपुर, संपतबीघा, लक्ष्मी दीघा सहित आधा दर्जन गांव में आज तक नल- जल लगा ही नहीं है। जिसके चलते पेयजल में काफी समस्या आ रही है। मुखिया ने कहा कि स्थानीय स्तर पर पेयजल संकट को लेकर अनेकों बार वरीय अधिकारियों से मिला लेकिन अब तक कोई सार्थक पहल नहीं हो सकी है। इस बार भी गर्मी में ग्रामीण जनता पानी के लिए परेशान है। उन्होंने कहा कि 15 दिन पूर्व विभाग के कार्यपालक अभियंता ने भी स्थल का निरीक्षण किया। जल्द ही समस्या से निजात दिलाने का आश्वासन देकर गए। अब फोन भी रिसिव नहीं कर रहे।


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