पौ फटते ही अखबार के लिए घरों से बाहर आ जाते हैं लोग
लॉकडाउन के कारण घरों में दिन-रात कटना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में लोग सुबह होने का इंतजार करते हैं। मकसद होता है अखबार पढ़ना। देश-दुनियां की सही जानकारी पाना। अखबारों में उलझकर लोग कम से कम सुबह का कुछ समय तो निकाल ही लेते हैं।
लॉकडाउन के कारण घरों में दिन-रात कटना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में लोग सुबह होने का इंतजार करते हैं। मकसद होता है अखबार पढ़ना। देश-दुनियां की सही जानकारी पाना। अखबारों में उलझकर लोग कम से कम सुबह का कुछ समय तो निकाल ही लेते हैं। बोरियत दूर करने में एक मित्र की भांति इन दिनों अखबार सहारा बना हुआ है। देश दुनियां की विश्वसनीय व तथ्यपरक खबरों का बेहतर साधन अखबार लॉकडाउन के कारण सभी लोगों के घरों तक पूर्व की भांति नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में सुबह होते ही लोग घरों से निकलते हैं, और चौक-चौराहों पर रहने वाले कर्मयोगियों से नकद भुगतान कर अखबार खरीदते हैं। फिर अखबार की खबरों से तरोताजा होकर आसपास रहे लोगों से गपशप कर घरों की ओर बढ़ जाते हैं।