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मुंहमांगी कीमत पर बिकता है निगेटिव ग्रुप का ब्लड

- मुश्किल से मिलने वाले ब्लड ग्रुप वालों की सूची बनाकर रखते हैं खून के काले कारोबारी

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 10:46 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 10:46 PM (IST)
मुंहमांगी कीमत पर बिकता है निगेटिव ग्रुप का ब्लड
मुंहमांगी कीमत पर बिकता है निगेटिव ग्रुप का ब्लड

- मुश्किल से मिलने वाले ब्लड ग्रुप वालों की सूची बनाकर रखते हैं खून के काले कारोबारी

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- कीमत चुकाने पर मिल जाता है सभी ग्रुप का खून

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संवाद सहयोगी, नवादा : खून के काले कारोबार का मामला उजागर होते ही नए-नए किस्से सामने आ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि सारा खेल रुपयों का है। काफी मुश्किल से मिलने वाला ब्लड ग्रुप भी इस गोरखधंधे में शामिल लोग आसानी से उपलब्ध करा देते हैं। लेकिन कीमत मुंहमांगी होती है। नर्सिंग होम से जुड़े एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि निगेटिव ग्रुप का ब्लड काफी महंगे दर पर बिकता है। चूंकि निगेटिव ग्रुप का ब्लड काफी दिक्कत से मिलता है, इसलिए इसका दाम भी अधिक होता है। पॉजिटिव ग्रुप के ब्लड 15 सौ से दो हजार रुपये में बिकता है, जबकि निगेटिव ग्रुप का ब्लड पांच से 10 हजार रुपये में। खून की काली कमाई में शामिल माफिया मुश्किल से मिलने वाले ब्लड ग्रुप के लोगों की सूची बनाकर रखते हैं। जरूरत पड़ने और मुंहमांगी कीमत मिलने पर खून उपलब्ध करा दिया जाता है।

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बड़े शौक पालने वाले गरीब छात्रों से रखते है संपर्क

- लाल खून के काले कारोबार में जुड़े लोग गरीबों को अपना निशाना बनाते हैं। इसमें उन छात्रों को शामिल किया जाता है, जिनके शौक बड़े हैं गरीबी उनके सपनों में बाधक बन जाती है। महंगे मोबाइल, होटलों में खाना, गर्ल फ्रेंड के साथ मस्ती करना जैसे शौक रखने वाले गरीब छात्र आसानी से इनके जाल में फंस जाते हैं। सूत्र बताते हैं कि अभी लॉकडाउन को ले धंधेबाजों को दिक्कत हो रही है। क्योंकि छात्रावास खाली पड़े हैं। वे लोग शहर छोड़कर गांव चले गए हैं। खून के गोरखधंधे में शामिल लोग जरूरत पड़ने पर जल्दी बाजी में कई बार छात्रों के कमरे में जाकर भी खून निकाल ले आते हैं। ----------------------

बड़े पैमाने पर सख्त कार्रवाई की है जरुरत

- खून के काले कारोबार में जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जरुरत है। सूत्रों की मानें तो वैध-अवैध ब्लड बैंकों में यह धंधा काफी फल-फूल रहा है। इन लोगों को विभाग के अधिकारियों का भी संरक्षण प्राप्त होता है। इस सिंडिकेट में शामिल लोग प्राइवेट नर्सिंग होम के संपर्क में रहते हैं। मरीज को खून की जरुरत पड़ने पर ऐसे लोगों से संपर्क किया जाता है और उन्हें खून उपलब्ध करा दिया जाता है।


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