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अगले माह केजी रेलखंड पर मानपुर से वजीरगंज तक दोहरीकरण होगा पूरा

किउल-गया रेलखंड पर मानपुर से वजीरगंज तक दोहरीकरण का काम अंतिम चरण में है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अक्टूबर में नई पटरी पर ट्रेनें दौड़ने लगेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 11:30 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 06:35 AM (IST)
अगले माह केजी रेलखंड पर मानपुर से वजीरगंज तक दोहरीकरण होगा पूरा

किउल-गया रेलखंड पर मानपुर से वजीरगंज तक दोहरीकरण का काम अंतिम चरण में है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अक्टूबर में नई पटरी पर ट्रेनें दौड़ने लगेगी। करीब 20 किलोमीटर तक के इस रेलखंड पर सिग्नल लॉकिग व इंजीनियरिग का काम संयुक्त रूप से शुरू होने वाला है। इसके लिए नन-इंटरलॉकिग सिस्टम लेने को लेकर काम किया जा रहा है। एक-दो दिनों में रेलवे के वरीय अधिकारियों की बैठक होनी है। जिसमें मानपुर से वजीरगंज लाइन चालू होने को लेकर तिथि तय कर दी जाएगी। इसके लिए वरीय अधिकारियों की ओर से सारी तैयारियां कर ली गई है। मानपुर-वजीरगंज दोहरी लाइन के चालू होने से इस रेलखंड पर गुजरने वाली सभी ट्रेनों की स्पीड और बढ़ जाएगी। फिलहाल इस रेलखंड पर 100 की स्पीड से ट्रेनों का आवागमन हो रहा है। इसके अलावा सभी तरह की ट्रेनों की क्रॉसिग व शंट को लेकर जो अबतक की जो समस्याएं हैं वह भी काफी हद तक दूर होगी। यानि रेलवे के मुसाफिरों की यात्रा अधिक सुगम होगी। गौरतलब है कि किउल-गया रेलखंड के दोहरीकरण कार्य में मानपुर से वजीरगंज तक दोहरीकरण लाइन को चालू करने का काम फस्ट फेज में रखा गया था।

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शेखपुरा से किउल तक अर्थ व ब्रिज वर्क पूरा हुआ, अब पटरी बिछेगी

- रेलवे के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक किउल-गया रेलखंड पर शेखपुरा से से किउल तक अर्थ वर्क व ब्रिज वर्क का काम पूरा कर लिया गया है। अब वहां पटरी बिछाने का काम भी शीघ्र ही पूरा होने वाला है। इस पूरे रेलखंड पर दोहरीकरण के काम को लेकर अधिकारियों में तत्परता देखी जा रही है।

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129 किमी लंबे रेलखंड पर बनने हैं 336 पुल, इनमें 31 बड़े पुल

-किउल-गया रेलखंड की लंबाई 129 किमी है। 22 अक्टूबर 2019 को तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की ओर से नवादा में आयोजित भव्य समारोह में इस पूरे रेलखंड के दोहरीकरण व विद्युतीकरण का शिलान्यास किया गया था। योजना के अनुसार इस रेलखंड पर 336 पुल बनने हैं। इनमें से 31 बड़े पुल हैं। जबकि शेष छोटे व मंझले आकार के पुल हैं। अधिकारिक जानकारी के मुताबिक अनेक जगहों पर पुल निर्माण का कार्य पूरा भी हो गया है। गया-किउल रेलखंड के संपूर्ण विकास में तब के सांसद गिरिराज सिंह का बहुत बड़ा योगदान माना गया।

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रेलखंड के सभी 9 स्टेशनों पर बौद्ध सर्किट के रूप में बन रहा भवन

-किउल-गया रेलखंड पर के 9 स्टेशनों पर बौद्ध सर्किट की तर्ज पर नया स्टेशन भवन बनाया जा रहा है। अबतक करजारा, वजीरगंज, वारिसलीगंज, सिरारी, काशीचक में नया भवन का निर्माण हो चुका है। जानकारी के मुताबिक बहुत जल्द ही नवादा में मालगोदाम के समीप भव्य भवन बनाया जाएगा। नवादा, तिलैया व शेखपुरा स्टेशन पर भवन बनने का काम अभी बाकी है।

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बाढ़ एनटीपीसी तक कोयला पहुंचाने में अहम साबित होगा केजी रेलखंड

-किउल-गया रेलखंड के दोहरीकरण व विद्युतीकरण होने से उद्योग-धंधों का भी विकास होगा। आसपास का पूरा इलाका समृद्ध होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बाढ़ एनटीपीसी तक कोयला पहुंचाने में यह रेलखंड सर्वाधिक उपयोगी साबित होगा। यही कारण है कि रेलवे की ओर से जोर शोर से काम इस रेलखंड पर किया जा रहा है। संभव है कि दोहरीकरण का काम पूरा होने के बाद कई नई ट्रेनों का आवागमन भी इस रेलखंड पर होने लगे।

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क्या कहते हैं अधिकारी

-अक्टूबर में मानपुर-वजीरगंज दोहरीकरण लाइन के चालू होने की संभावना है। जल्द ही इसके लिए तारीख तय कर दी जाएगी।

एके सुमन, यातायात निरीक्षक, केजी रेलखंड, नवादा।

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ग्राफिक्स:

किउल-गया रेलखंड की लंबाई- 129 किमी.

स्टेशनों की संख्या- 11

रेलखंड पर चल रही ट्रेनें: 11


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