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सिरदला के मुरली बाजार में जलसा आयोजित

संसू सिरदला गुरुवार के देर शाम आजाद कमिटी मुरली में जलसा का आयोजन किया गया। जिसमें

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 10:48 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 06:17 AM (IST)
सिरदला के मुरली बाजार में जलसा आयोजित
सिरदला के मुरली बाजार में जलसा आयोजित

संसू, सिरदला : गुरुवार के देर शाम आजाद कमिटी मुरली में जलसा का आयोजन किया गया। जिसमें हुसैन के शहादत का जिक्र हुआ। मौलाना मकसूद ने कहा कि इस्लाम में बराबरी का दर्जा है। अल्लाह के सिवा कोई बड़ा नहीं हो सकता और मोहम्मद अल्लाह के आखरी नबी हैं, जिन्होंने सभी को समाज में एक समान रहने की हिदायत दी है। उन्होंने बताया कि हुसैन रसूल के नवासे हैं और उनके बताए गए रास्ते पर चल रहे थे यजिदों कि साथ उनकी लड़ाई भी बराबरी का था। हुसैन का मानना था कि खुदा की इबादत करो और यजीद का खुद को बुलंदी समझने की भूल थी। इसी बात पर कर्बला में जंग हुई एकता और अपने हक की जिसमें हुसैन ने अपने नाना की शान बचाने के लिए अपने आप को शहीद कर हो गए। और अपना हाथ दुश्मनों को नहीं दिया। वहीं रजौली से आए मौलाना शादाब अम्बर ने हुसैन की याद में नात पढ़ कर लोगों का मन मोह लिया। जिक्र हुसैन के बाद हुसैनी कव्वाली का कार्यक्रम हुआ। नवादा से आए कव्वाल अजहर साबरी ने हुसैन की शहादत पर कव्वाली गाया और लोगों में उत्साह का माहौल भरा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता शफीक उद्दीन ने की। मौके पर आबिद अंसारी,शमसेर आलम,साहब उद्दीन,मनवर आलम, म़कसूद अंसारी,महमूद आलम ,सलीम उद्दीन, तौहीद आलम ,जाबिर अंसारी मौजूद थे।

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