टकरावा बढ़ा : आशा संघ की प्रदेश महामंत्री समेत तीन पर प्राथमिकी
टकरावा बढ़ा आशा संघ की प्रदेश महामंत्री समेत तीन पर प्राथमिकी टकरावा बढ़ा आशा संघ की प्रदेश महामंत्री समेत तीन पर प्राथमिकी
संवाद सहयोगी, नवादा : आशा कार्यकर्ता संघ की प्रदेश महामंत्री इंदु देवी समेत तीन आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ वारिसलीगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। अन्य दो लोगों में वारिसलीगंज नगर की आशा संजू रानी और बाघीबरडीहा की गायत्री कुमारी का नाम शामिल हैं। बिहार मेडिकल अधिनियम 2011 समेत भादवि की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वारिसलीगंज के पीएचसी प्रभारी डॉ. रामकुमार के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुट गई है। पीएचसी प्रभारी द्वारा थाने में दिए गए आवेदन में कहा गया है कि 12 दिसंबर को बंध्याकरण की तिथि निर्धारित थी। एक आशा कार्यकर्ता द्वारा लाए गए मरीज को बंध्याकरण के लिए वे अपने साथ ऑपरेशन थिएटर ले गए। इसी दौरान आशा फैसलीटेटर इंदु देवी, संजू रानी व गायत्री कुमारी अंदर घुस गईं और ऑपरेशन से संबंधित सामान को इधर-उधर फेंक दिया और गाली-गलौज करने लगी। इसके भय से अन्य स्वास्थ्यकर्मी ओटी से बाहर चले गए। ऐसी परिस्थिति में मरीज की जान जा सकती थी। उन्होंने कहा कि किसी तरह अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को बुलाकर लाए और बंध्याकरण किया। इस दौरान वे तीनों आशा गाली-गलौज करती रहीं। पीएचसी प्रभारी ने तीन आशा पर मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, अमर्यादित व्यवहार करने और मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए तीनों पर प्राथमिकी दर्ज कराई। पीएचसी प्रभारी द्वारा प्राप्त आवेदन के आलोक में वारिसलीगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
आशा के साथ मारपीट की दर्ज नहीं की गई प्राथमिकी, थाना घेरा
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संसू, वारिसलीगंज : वारिसलीगंज पीएचसी में गुरुवार को आशा कार्यकर्ताओं के साथ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा की गई मारपीट की प्राथमिकी पुलिस द्वारा दर्ज नहीं की गई। इससे क्षुब्ध करीब एक सौ की संख्या में आशा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को थाना गेट को जाम कर पुलिस प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। करीब तीन घंटे तक थाना गेट पर आशा डटी रहकर न्याय मांगती रही। बाद में रालोसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह बाघी बरडीहा पंचायत की पूर्व मुखिया राजेंद्र प्रसाद ने बीच बचाव किया। उसके बाद आशा संघ की प्रदेश महामंत्री इंदु झा का जब्त मोबाइल फोन को पुलिस ने वापस किया। इसके बाद महिलाएं थाने से लौटीं। क्या है मामला
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा गाली-गलौज व दुर्व्यवहार करने से आहत वारिसलीगंज पीएचसी से जुड़ी करीब 180 आशा पिछले 22 दिनों से कार्य बहिष्कार कर रही हैं। आशा प्रभारी चिकित्सक को स्थानांतरित करने की मांग पर अड़ी है। समझौता नहीं होने पर संघ की प्रदेश महामंत्री इंदु झा के नेतृत्व में आशा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रही हैं। गुरुवार को प्रभारी डॉ. रामकुमार ने संघ की कार्यकर्ताओं को वार्ता के लिए बुलाया। आशा का कहना है कि बकाए राशि का भुगतान तथा भविष्य में अभद्रतापूर्ण व्यवहार नहीं करने का लिखित आश्वासन मांगने पर प्रभारी भड़क गए और अभद्रता करते हुए गंदी गंदी गालियां बकने लगे। वहां से सभी को भगाने लगे। नहीं हटने पर प्रभारी ने हाथ चला दिया। साथ ही झूठे मुकदमे में आशा को फंसाने की धमकियां दी। शिकायत को सीएम तक पहुंचाने की बात कहने पर अस्पताल प्रभारी आग बबूला हो गए और गाली बकते हुए मारपीट करने लगे। घटना में बाघी बरडीहा की आशा गायत्री कुमारी व कोचगांव की आशा अन्नपूर्णा कुमारी चोटिल हो गई।
पुलिस पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का आरोप
अस्पताल प्रभारी द्वारा मारपीट की घटना का लिखित आवेदन आशा द्वारा दिए जाने के बाद भी पुलिस ने चिकित्सा पदाधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं किया। जबकि प्रभारी चिकित्सक के आवेदन पर संघ की प्रदेश महामंत्री इंदु झा, आशा संजुरानी तथा बाघी बरडीहा की आशा गायत्री कुमारी के विरुद्ध सरकारी कार्य में बाधा डालने सहित अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई है। आशा कार्यकर्ताओं की माने तो प्रभारी मारपीट की प्राथमिकी दर्ज होने के भय से खुद सर्जरी रूम की ऑपरेशन उपकरणों को तितर बितर कर प्राथमिकी दर्ज करवाएं हैं।
पुलिस पर लगाया गाली-गलौज का आरोप
आशा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि गुरुवार की देरशाम पकरीबरावां एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा के कहने पर थाना पहुंची। जहां पुलिस द्वारा गाली गलौज किया गया। प्रभारी पर केश नहीं किया गया। आशा ने कहा की नि:शुल्क 24 घंटा ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करने वाली महिला कार्यकर्ताओं की सुरक्षा करने वाली पुलिस के वरीय अधिकारी के गाली गलौज से आशा कार्यकर्ता काफी आहत हैं। ऐसे में आधी आबादी सुरक्षित नहीं है। इधर, एसडीपीओ ने आशा कार्यकर्ताओं के आरोपों को मनगढ़ंत एवं बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि थाना में आशा कार्यकर्ताओं का व्यवहार काफी निदनीय रहा, जबकि थानाध्यक्ष पवन कुमार ने कहा कि आशा का कोई लिखित आवेदन नहीं मिला है।