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छह विद्यालयों के निरीक्षण में पांच बंद मिले

बीडीओ प्रेम सागर मिश्रा ने गुरुवार को प्रखंड के जंगली क्षेत्र के सवैयाटांड़ पंचायत में आधा दर्जन विद्यालयों की जांच की। जांच के क्रम में पांच विद्यालय बंद मिले।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 12:18 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 06:26 AM (IST)
छह विद्यालयों के निरीक्षण में पांच बंद मिले
छह विद्यालयों के निरीक्षण में पांच बंद मिले

बीडीओ प्रेम सागर मिश्रा ने गुरुवार को प्रखंड के जंगली क्षेत्र के सवैयाटांड़ पंचायत में आधा दर्जन विद्यालयों की जांच की। जांच के क्रम में पांच विद्यालय बंद मिले। वहीं जो विद्यालय खुले थे, वहां शिक्षक गायब मिले। एमडीएम भी बंद था।

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बीडीओ ने लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए विभाग को लिखे जाने की बात कही है। बीडीओ प्रेम सागर मिश्र ने बताया कि जंगली क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की वस्तु स्थिति का जायजा लेने को जब वे पहुंचे तो स्थिति संतोषप्रद नहीं मिली। जांच के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही उजागर हो गई।

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इन विद्यालयों की हुई जांच

- बीडीओ द्वारा प्राथमिक विद्यालय सिमरातरी उर्दू, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाराटांड़ उर्दू, उच्च विद्यालय बाराटांड, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाराटांड़, मध्य विद्यालय चटकरी और प्राथमिक विद्यालय झलकडीहा की जांच की गई। जिसमें प्राथमिक विद्यालय झलकडीहा को छोड़ सभी पांच विद्यालय बंद पाए गए।

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झलकडीहा में गप्पे लड़ाते मिले दो शिक्षक

-जांच के दौरान प्राथमिक विद्यालय झलकडीहा खुला तो था लेकिन प्रधान शिक्षक गायब थें। दो शिक्षक खुशबू कुमारी एवं धर्मेंद्र कुमार उपस्थित थे। स्कूल में एक भी पंजी उपलब्ध नहीं थी। बच्चों की उपस्थिति पंजी, शिक्षकों की उपस्थिति पंजी से लेकर एमडीएम तक की सभी पंजी व अभिलेख को लेकर प्रधानाध्यापक दीपा रानी विद्यालय से गायब थी। वहां न तो बच्चे दिखे और ना ही एमडीएम ही बन रहा था। मौके पर मिले दोनों शिक्षक आपस में गप्पे लड़ा रहे थे। पूछने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

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रोका गया एक दिन का वेतन

- बीडीओ ने कहा जांच के दौरान गायब मिले शिक्षकों के एक दिन का वेतन पर रोक लगा दी गई है। बंद विद्यालय के प्रधान शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जा रहा है। बीडीओ ने कहा कि जब वे प्राथमिक विद्यालय उर्दू सिमरातरी पहुंचे तो दिन के करीब डेढ़ बज रहे थे। लेकिन विद्यालय में ताला लटक रहा था। बच्चे नदारद थे। वहां के ग्रामीणों ने बताया कि यह स्कूल महीने में एकाध बार खुलती है, यहां कभी भी एमडीएम नहीं बनता है। विद्यालय छोड़कर अपने-अपने घरों में रहने वाले व बैठकर सरकार के रुपये खाने वाले शिक्षकों के बीच बीडीओ की जांच से हड़कंप मच गया है। बीडीओ ने कहा कि आगे भी जांच होगी। विद्यालयों में पठन- पाठन व मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी करने वाले शिक्षकों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

बहरहाल, बीडीओ की जांच के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी किस तरह लापरवाह बने हैं इसकी कलई खुल गई है। बीईओ अथवा अन्य अधिकारियों द्वारा विद्यालय की नियमित जांच नहीं किए जाने के कारण प्रखंड के अधिकांश स्कूलों में शिक्षक अपनी मनमर्जी से आते-जाते हैं। जब भी जांच होती है तो जांच के क्रम में कई स्कूल बंद मिलते हैं, तो कहीं एक या दो शिक्षक ही उपस्थित रहते हैं।


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