लगातार बारिश से पन्ना, मंसूरी, मुग्धा धान की फसल गिरी,किसान परेशान
संसू वारिसलीगंज सूख रहे धान की फसल के लिए वरदान तो बाली निकल चुके धान को
़फोटो-08 संसू, वारिसलीगंज : सूख रहे धान की फसल के लिए वरदान तो बाली निकल चुके धान को पिछले दिनों हुई बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया। कृषि प्रधान क्षेत्र वारिसलीगंज में पिछले कई वर्षों के बाद अच्छी बारिश से खेतों में धान की फसल लहलहा रही है जिसमें अच्छी फसल होने की संभावनाओं से किसान उत्साहित हैं। प्रखंड के कुछ पंचायतों को छोड़कर आधा से अधिक पंचायत के किसानों के खेतों तक नहर के पानी नहीं पहुंचने के कारण इन खेतों में लगी फसल को बारिश की पानी पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन इस बार धान रोपनी के ससमय हुई। लगातार पानी बरसने से अग्रिम वेराइटी की फसल से बाली निकल चुकी है। परंतु पिछले तीन चार दिनों से झमाझम बारिश के कारण बाली निकल चुके फसल को धरती पर सरपट कर दिया है। मकनपुर गांव के वैसे किसान जिन्होंने कम बारिश होने की आशंका से अपने अधिकांश खेतों में अग्रिम वेराइटी की फसल जैसे पन्ना मंसूरी, मुग्धा, 6444 समेत अन्य अग्रिम तैयार होने वाली धान की फसल को खेतों में रोपनी किया, समय के साथ फसल भी लहलहाती हुई बालियां देकर झूमने लगी। जिसे देख किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन रविवार से शुरू हुई झमाझम बारिश ने किसानों की खुशियों पर पानी फेर दिया। रातभर हुई लगातार बारिश ने बाली को वजन लिए धान की फसल को धरती पर सरपट कर दिया। किसान कहते हैं कि जो फसल धरती पर गिर गया है उसमें व्यापक क्षति की संभावना है। किसान नवल सिंह, मनोज कुमार, मुकेश सिंह, सुनील सिंह, अनिल कुमार पप्पू , सुबोध सिंह, मदन सिंह आदि कहते हैं कि शुक्र है कि बारिश के साथ हवा नहीं चली अन्यथा बाली निकली फसलों को काफी क्षति पहुंचती। बता दें कि वारिसलीगंज चीनी मिल के बंद होने के बाद क्षेत्र के किसान पूरी तरह से खरीफ एवं रबी फसलों का उत्पादन करने लगे हैं। जिसमें धान की फसल करीब शत प्रतिशत खेतो में रोपनी करते हैं। किसानों का मानना है कि आगामी 28 सितंबर से हथिया नक्षत्र का प्रवेश होगा। जिसमें बेतहासा बारिश होने की संभावना रहती है। अगर उक्त नक्षत्र में भारी बारिश हुई तब अग्रिम प्रजाति की फसल को काफी नुकसान हो सकता है।