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आठ दिन सावन बीता, अब भी नदी-नाला है सूखा

नवादा सावन महीना का आठ दिन बीत चुका है। इस माह में धान की रोपनी की रफ्तार काफी तेज गति से होती है। लेकिन जिले में धान की रोपनी की रफ्तार नहीं पकड़ सकी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 11:06 PM (IST)
आठ दिन सावन बीता, अब भी नदी-नाला है सूखा
आठ दिन सावन बीता, अब भी नदी-नाला है सूखा

नवादा : सावन महीना का आठ दिन बीत चुका है। इस माह में धान की रोपनी की रफ्तार काफी तेज गति से होती है। लेकिन जिले में धान की रोपनी की रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। किसानों को धान की रोपनी के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है कि अबतक कई नदियां व अधिकांश ताल-तलैया सूखा पड़ा है। बता दें कि जिले में मॉनसून के दस्तक देने के बाद बारिश भी शुरू हुई। कई दिनों तक अच्छी खासी बारिश भी हुई। लेकिन करीब तीन साल से लगातार बारिश कम होने के कारण जलस्तर में काफी गिरावट आ गई थी। किसानों को सूखाड़ का सामना करना पड़ा। जलस्तर नीचे रहने की वजह से बारिश के बाद भी नदी, नाला, ताल-तलैया में पानी का बहाव पर्याप्त नहीं है। नाटा सहित कई नदियां अब भी सूखी पड़ी है। इस कारण धान की रोपनी प्रभावित हो रही है।

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जुलाई माह में 333.2 एमएम हुई बारिश

- मौसम विभाग के अनुसार जुलाई माह में अबतक 333.2 एमएम बारिश हुई है। जबकि सामान्य रूप से 261.9 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। 1 से 14 जुलाई के बीच सामान्य से 27 फीसद ज्यादा बारिश हुई है। लेकिन वाटर लेवल डाउन रहने के कारण अब भी पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है। साथ ही लगातार बारिश नहीं हो रही है। इसके कारण नदी, नाला, ताल-तलैया आदि सूखा पड़ा है। धान की रोपनी के लिए पर्याप्त पानी मिल पा रहा है।

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जिले में अबतक 10 फीसद हुई धान की रोपनी

- पुरानी परंपरा के अनुसार आषाढ़ी पूजा के बाद धान की रोपनी शुरू हो गई है। किसान धान की रोपनी में जुट गए हैं। लेकिन पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण धान की रोपनी प्रभावित हो रही है। ऐसे किसानों द्वारा बोरिग आदि से धान की रोपनी की जा रही है। कृषि विभाग के अनुसार अबतक जिले भर में 10 फीसद धान की रोपनी हुई है। पूरे जिले में काफी तीव्र गति से रोपनी कार्य चल रहा है।

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जिले की प्रमुख नदियां

- जिले में सकरी, खुरी, ढाढर, पंचाने, नाटा, धर्नाजय, तिलैया आदि प्रमुख नदियां है। इसके अलावा कई नहर व ताल-तलैया हैं। जो पहाड़ी इलाकों से निकलकर रजौली, गोविदपुर, नारदीगंज, कौआकोल, रोह, हिसुआ, अकबरपुर समेत अन्य प्रखंडों से होकर गुजरी है। इन नदियों के पानी से किसान खेतों की सिचाई करते हैं। इससे सैंकडा़ें गांव के किसान खेतों की सिचाई करते हैं। लेकिन पानी के अभाव में नदी, नहर, ताल-तलैया आदि सूखा पड़ा है। इससे धान की रोपनी पर असर पड़ रहा है। साथ ही धान की रोपनी रफ्तार नहीं पकड़ सकी है।

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कहते हैं किसान

- सदर प्रखंड के सिसवां गांव के किसान नंदन कुमार, सुरेंद्र कुमार, कौआकोल के राजेंद्र सिंह, रामकुमार समेत कई किसानों ने बताया कि पानी के अभाव में नदी, नाला, नहर आदि सूखा पड़ा है। नदियों में पानी रहने से खेतों की सिचाई करने में आसान होता है। इससे सैंकडो गांव में सिचाई होती है। लेकिन नदी सूखा रहने से परेशानी हो रही है। बोरिग से धान की रोपनी करना पड़ रहा है। इसके कारण धान की रोपनी रफ्तार नहीं पकड़ रही है।

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कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

- जुलाई माह में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। 1 से 14 जुलाई के बीच 333.2 एमएम बारिश हुई है। ऐसे सामान्य रूप से 261.9 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। जो सामान्य से 27 फीसद ज्यादा है। इस साल लगातार बारिश होने की संभावना है। किसानों को सिचाई कार्य के लिए पानी का अभाव नहीं होगी। ऐसे अगले तीन दिनों तक तेज आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है।

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कहते हैं अधिकारी

- जिले भर में धान की रोपनी शुरू हो गई है। किसान धान की रोपनी में जुट गए हैं। रोपनी का कार्य काफी तीव्र गति से चल रहा है। जिले भर में अबतक 10 फीसद धान की रोपनी हो चुकी है। अगले पांच दिनों में करीब 25 फीसद धान की रोपनी पूरी हो जाएगी। इस साल बारिश भी समय से हो रहा है। साथ ही धान का पैदावार भी अच्छी होने की संभावनाएं है। ऐसे विभाग की ओर से किसानों को सरकारी योजनाओं का ससमय लाभ दिया जा रहा है।

अरविद कुमार झा, जिला कृषि पदाधिकारी नवादा।


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