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पौरा नहर के पूर्वी केनाल में पानी बढ़ने से बासोचक के पास बना डायवर्सन फिर बहा

वारिसलीगंज वारिसलीगंज-खरांठ पथ पर बासोचक के पास पौरा नहर के पूर्वी केनाल पर निर्माणाधीन पुल के बगल में बना डायवर्सन शनिवार की दोपहर पुन बह गया है फलत उक्त पथ पर आवागमन अवरुद्ध है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 09:53 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 09:53 PM (IST)
पौरा नहर के पूर्वी केनाल में पानी बढ़ने से बासोचक के पास बना डायवर्सन फिर बहा
पौरा नहर के पूर्वी केनाल में पानी बढ़ने से बासोचक के पास बना डायवर्सन फिर बहा

वारिसलीगंज : वारिसलीगंज-खरांठ पथ पर बासोचक के पास पौरा नहर के पूर्वी केनाल पर निर्माणाधीन पुल के बगल में बना डायवर्सन शनिवार की दोपहर पुन: बह गया है, फलत: उक्त पथ पर आवागमन अवरुद्ध है। संवाद लिखे जाने तक डायवर्सन मरम्मत की दिशा में कोई हरकत नही थी। इससे पहले भी डायवर्सन टूट चुका है। पिछली बार 5 जून को डायवर्सन बहा था, जिसे पथ निर्माण विभाग के द्वारा मजबूती से निर्माण करवाने का दावा किया गया था। बाबजूद नहर में पानी बढ़ने पर फिर वही हाल हो गया है।

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डायवर्सन टूटने के बाद नवादा, बिहार शरीफ तथा पटना आदि स्थानों को आने जाने वाली वाहनों को बाघी बरडीहा मोड़, नवादा से होकर गंतव्य को जाना पड़ रहा है। बता दें कि करीब तीन करोड़ से अधिक की लागत से खरांठ पथ पर बासोचक के समीप सकरी नदी में पौरा से निकली पूर्वी केनाल पर बना पुराने पुल को तोड़कर उसी स्थान पर नया पुल का निर्माण करवाया जा रहा है। सरकारी टेंडर के अनुसार पटना की राणा कंस्ट्रक्शन निर्माण कंपनी को अधिकतम 15 जुलाई तक पुल का निर्माण कर लेना था। लेकिन कोरोना के कारण लगा देशव्यापी लॉक डाउन में दो माह तक कार्य पूर्णत: बाधित रहा, अब जब कार्य मे तेजी आई तो नहर में पानी बढ़ने से बार बार डायवर्सन टूट जा रहा है। फलत: पुल निर्माण कार्य की गति काफी धीमी हो जा रही है। फिलहाल हालत यह है कि पुल का पाइलिग का कार्य पूराकर एक खटाल की ढलाई हो चुकी है। जबकि दूसरा का सेंटिग का काम चल रहा है। लेकिन नहर में पानी बढ़ने से निर्माण कार्य में तो बाधा उत्पन्न हुई ही है साथ में बैकल्पिक पथ यानी डायवर्सन को भी पानी अपने साथ बहा लिया है। पिछली बार डायवर्सन मरम्मत करवाने पहुंचे पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने कहा था कि डायवर्सन से होकर भारी वाहनों जैसे बड़े ट्रकों, मालवाहक लॉरी आदि को नहीं ले जाना है। लेकिन उक्त डायवर्सन से प्रति दिन सैकड़ों भारी मालवाहक वाहन दिनरात चल रहा है। तब नहर में पानी का तेज बहाव के कारण डायवर्सन अत्यधिक दवाब के वजह से पानी की तेज धार में बह जाता है।

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मीडिया ने पहले ही किया था अगाह

-नहर में पानी आने पर डायवर्सन बह जाने के अनुमान की खबर दैनिक जागरण समाचार तीन माह पूर्व खबर प्रकाशित कर अधिकारियों को अगाह किया था। लेकिन खबर पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया फलत: जब डायवर्सन बहा तब सड़क पर चलने वाले वाहनों समेत यात्रियां की परेशानी बढ़ी। यह तो सिर्फ बानगी है। नहर में जब भी पर्याप्त पानी छोड़ा जाएगा। डायवर्सन को क्षति पहुंचेगी।

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किसानों की बढ़ेगी परेशानी

- प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश गांवों में धान की रोपनी लगभग समाप्ति पर है। इसलिए अब धान की फसल को प्रतिदिन पानी की जरूरत होगी। नहर में पानी कम होने पर किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। तब नहर में पर्याप्त पानी की जरूरत किसानों को होती है। ऐसे में नहर में कम पानी छोड़ना किसानों के लिए नुकसानदेह होगा। क्षेत्र के किसान कहते हैं कि संवेदक की लापरवाही से पुल निर्माण में विलम्ब हुआ है। अब अगर नहर में कम पानी छोड़ा जाएगा तो किसानों के साथ अन्याय होगा।


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