नर्सिंग होम में प्रसव के बाद नवजात की मौत, स्वजनों का हंगामा
सिरदला थाना क्षेत्र के परसा गांव की सीमा कुमारी शुक्रवार की सुबह हुई थी भर्ती अनुमंडली
सिरदला थाना क्षेत्र के परसा गांव की सीमा कुमारी शुक्रवार की सुबह हुई थी भर्ती अनुमंडलीय अस्पताल से वापस लौटे मरीज का ज्योति सेवा सदन में कराया जा रहा था प्रसव संवाद सहयोगी, रजौली : शुक्रवार को रजौली में संचालित ज्योति सेवा सदन नर्सिंग होम में प्रसव के बाद नवजात बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। हालांकि काफी विवाद के बाद जैसे-तैसे मामले को सुलझा कर प्रसूता व उसके स्वजनों को नर्सिंग होम संचालक ने वापस घर भेजा।
प्रसूता के ससुर गणेश प्रसाद ने बताया कि उनकी बहु का नवादा में इलाज चल रहा था। गुरुवार की शाम प्रसव वेदना के बाद उसे अनुमंडलीय अस्पताल रजौली में भर्ती कराया था। जहां पर उसका प्रसव नहीं होने पर शुक्रवार की सुबह लगभग 8:30 बजे ज्योति सेवा सदन में डॉ. उर्मिला कुमारी के यहां प्रसव के लिए भर्ती कराया। यहां जैसे-तैसे सूई के बल प्रसव करा दिया। जबरन प्रसव कराए जाने से नवजात की मौत हो गई। वहीं प्रसूता के पति पवन कुमार ने बताया कि यह उसका पहला बच्चा था। प्रथम प्रसव के रूप में दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर उसकी पत्नी सीमा ने नवजात शिशु के रूप में लड़के को जन्म दी थी। लेकिन जन्म के कुछ ही देर बाद बच्चे की मौत हो गई।
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पूर्व में भी हुई है बच्चे की मौत
-इस सेवा सदन में पूर्व में भी नवजात बच्चे की मौत हुई है। इसके पूर्व 16 अगस्त 20 को रजौली के रविदास टोला निवासी राजेश राजवंशी की पत्नी अनीता देवी का भी यहां पर प्रसव कराया गया था। प्रसव के बाद नवजात की मौत हो गई थी। उक्त घटना भी प्रथम प्रसव के दौरान ही हुई थी। सूत्रों की मानें तो वहां कार्यरत महिला डॉक्टर की डिग्री और नर्सिग होम की वैधता भी संदेह के घेरे में है। हालांकि सिविल सर्जन नवादा के द्वारा रजौली में आधा दर्जन से ज्यादा संचालित नर्सिंग होम को अवैध करार दे दिया गया है। लेकिन यहां पर उपलब्ध सेवाओं को अब तक ना ही बंद किए गए हैं और ना ही नर्सिंग होम को सील की गई है।
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अस्पताल से चली गई मरीज, जीएनएम को मालूम तक नहीं
-गुरुवार की शाम 4 बजकर 54 मिनट पर अस्पताल में भर्ती हुई मरीज कब अस्पताल से चली गई। उस वक्त ड्यूटी पर मौजूद जीएनएम अंजली कुमारी व प्रमिला कुमारी को मालूम तक नहीं था। मरीज के जाने का कोई भी डाटा पुर्जे पर नहीं है।
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कहते हैं अधिकारी
- इस संदर्भ में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बी एन चौधरी को सूचना दिए जाने के बाद उन्होंने कहा कि मरीज के परिजनों द्वारा सहयोग नहीं किए जाने के कारण अवैध निजी नर्सिंग होम पर कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है। मरीज के परिजनों द्वारा शिकायत किए जाने पर प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से ही कार्रवाई संभव है।