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जल शक्ति योजनाओं को मजबूती देने के लिए समन्वय बना करें काम

आकांक्षी जिला में शुमार नवादा जिला के केंद्रीय प्रभारी पदाधिकारी अतीश चंद्रा ने मंगलवार को जिले के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान मेसकौर प्रखंड के विभिन्न पंचायत के मुखिया भी उपस्थित हुए। जल शक्ति अभियान की समीक्षा करते हुए अब तक जिले में हुए कार्य की प्रगति की समीक्षा की। डीएम कौशल कुमार ने अब तक हुए कार्यों की जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 11:06 PM (IST)
जल शक्ति योजनाओं को मजबूती देने के लिए समन्वय बना करें काम
जल शक्ति योजनाओं को मजबूती देने के लिए समन्वय बना करें काम

आकांक्षी जिला में शुमार नवादा जिला के केंद्रीय प्रभारी पदाधिकारी अतीश चंद्रा ने मंगलवार को जिले के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान मेसकौर प्रखंड के विभिन्न पंचायत के मुखिया भी उपस्थित हुए। जल शक्ति अभियान की समीक्षा करते हुए अब तक जिले में हुए कार्य की प्रगति की समीक्षा की। डीएम कौशल कुमार ने अब तक हुए कार्यों की जानकारी दी। जल शक्ति अभियान के तहत नवादा जिला में तय कार्ययोजना के तहत काम कराए जा रहे हैं। जिसमें पीएचईडी, मिट्टी संरक्षण, भवन, वन विभाग, शिक्षा विभाग, मनरेगा एवं लघु सिचाई के द्वारा 1 जुलाई 2019 से कार्य शुरू किए गए हैं। जो 30 सितम्बर 2019 तक चलेगा। जल शक्ति अभियान के तहत आहर, पईन, तालाब, चेकडैम का निर्माण के लिए कार्य योजना बनाई गयी है। इस दौरान वरीय अधिकारी अतीश चंद्रा ने कहा कि जल शक्ति की योजनाओं को मजबूती देने के लिए सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर काम करें। बैठक में उपस्थित मुखियों से भी व्यापक सहयोग का अनुरोध किया।

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गांधी जयंती के दिन से शुरू होगा पंचायतों में काम

-2 अक्टूबर गांधी जयन्ती के शुभ अवसर पर नवादा जिले के सभी पंचायतों में कम से कम एक योजना तालाब की ली जा रही है। नुक्कड़ नाटक, साइकिल रैली, दिवाल लेखन के माध्यम से लोगों के बीच जागरूकता फैलायी जा रही है। सभी पंचायतों में चापाकल के पास सोख्ता का निर्माण किया जायेगा। श्रम दान के माध्यम से भी जल शक्ति अभियान को बढ़ावा दिया जा रहा है। बैठक में यह भी बताया गया कि अतिक्रमण जिन तालाब या आहर-पोखर पर से है उसे हटाया जाएगा। सार्वजनिक जल श्रोतों यथा तालाब, आहर, पईन, कुंआ का जीर्णोद्धार किया जायेगा। भविष्य में गंगा के पानी को नवादा जिले में लाने का प्रयास जारी है।

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धान की खेती के साथ ही वैकल्पिक खेती से भी जुड़ें किसान : अतीश चंद्रा

-केंद्रीय सचिव सह प्रभारी पदाधिकारी अतिश चंद्रा ने बैठक में कहा कि धान की फसल का बेहतर उपज कम पानी में संभव नहीं है। एक किलो चावल उपजाने में पांच से सात हजार लीटर पानी खर्च होता है। उन्होंने कहा कि किसान भाई नये कृषि पद्धति को अपनायें। वैकल्पिक कृषि पर विशेष बल दें। दलहन, तेलहन, मूंग जैसे कम पानी वाले फसल पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने इलाके में जल संरक्षण की योजनाओं और जनजागरूकता पर भी जोर दिया। मौके पर स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पीएचईडी विभाग, भवन विभाग के कार्याें की प्रगति की समीक्षा की गयी। इस बैठक में जिला पदाधिकारी कौशल कुमार, सहायक समाहर्ता साहिला, अपर समाहर्ता ओम प्रकाश, नीति आयोग के मृत्युंजय झा, अजीत कुमार, तकनीकी पदाधिकारी पटना पंकज कुमार, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, मेसकौर के बारत पंचायत के मुखिया कन्हैया कुमार बादल, अकरी बिगहा पाण्डे गंगोट मुखिया रेखा देवी के साथ-साथ सभी विभागीय पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।


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