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BSEB result 2019: किसी टॉपर को आइआइटीयन बनने की चाहत, तो किसी को देश सेवा की

बिहार में इस बार टॉप टेन में 18 छात्रों ने बाजी मारी। किसी को देश सेवा करने की चाहत तो किसी को आइआइटीयन बनने की इच्‍छा।जानते हैं कुछ ऐसे ही टॉपरों के मन की बात।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 10:09 PM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 11:30 AM (IST)
BSEB result 2019: किसी टॉपर को आइआइटीयन बनने की चाहत, तो किसी को देश सेवा की
BSEB result 2019: किसी टॉपर को आइआइटीयन बनने की चाहत, तो किसी को देश सेवा की

पटना [जेएनएन]। बिहार में इस बार मैट्रिक के रिजल्ट में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। वहीं टॉप टेन में कुल 18 परीक्षार्थी शामिल रहे। इनमें से 16 परीक्षार्थी तो केवल सिमुलतला आवासीय विद्यालय के हैं। इन टॉपरों में से कोई आईएएस बनना चाहता है तो कोई आइआइटीयन। किसी के मन में देश की सेवा करने की चाहत है। आइए मिलते हैं कुछ ऐसे ही बिहार के टॉपरों से और जानते हैं सफलता का राज...

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मोतिहारी का प्रवीण प्रखर को आया चौथा स्थान
मैट्रिक परीक्षा में जिले के लाल प्रवीण प्रखर को सूबे में चौथा (480 अंक) स्थान मिला है। प्रवीण सिमुलतला आवासीय विद्यालय का छात्र है। वह कल्याणपुर प्रखंड के पीपराखेम गांव निवासी मनोज पांडेय व सविता देवी का पुत्र है। प्रवीण एक अच्छा डॉक्टर बनना चाहता है। पिता शिक्षक एवं माता गृहिणी हैं। प्रवीण के बड़े भाई विवेक वैभव भी सिमुलतला विद्यालय के छात्र थे। अभी जादोपुर विवि कोलकाता में इंजीनियरिंग कर रहे हैं। बड़ी बहन नम्रता भारती बीपीएससी की तैयारी कर रही हैं। प्रवीण ने सिमुलतला विद्यालय में कक्षा नौ में नामांकन कराया था। उम्मीद थी कि बेहतर परिणाम आएगा। इसे उस समय बल मिला जब 31 मार्च को बोर्ड कार्यालय में साक्षात्कार के लिए बुलावा आया। 
टॉप फाइव में शामिल हुआ सहरसा का बेटा हर्ष
सहरसा के सौर बाजार प्रखंड के लक्ष्मीनियां गांव निवासी संजय कुमार एवं जानकी देवी के पुत्र हर्ष कुमार ने बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में टॉप फाइव में अपनी जगह बनाई है। उसने परीक्षा में 479 अंक (95.8 प्रतिशत) प्राप्त किए हैं। दो भाइयों में बड़े हर्ष कुमार ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व गुरुजन को दिया है। उसकी प्राथमिक शिक्षा बसौना मिडिल स्कूल में हुई। इसके बाद वर्ग नवम में सिमुलतला आवासीय स्कूल में दाखिला लिया। हर्ष बताता है कि वह रोज चार से पांच घंटे सेल्फ स्टडी करता था। स्कूल में पढाई के बाद अपने सहपाठियों के साथ ग्रुप में भी  पढ़ाई करता था। हर्ष ने कहा कि वह आइआइटी करना चाहता है। हर्ष कुमार फिलहाल अपने परिवार के साथ ही शहर के गांधी पथ स्थित एक किराए के मकान में रहता है। इनकी सफलता पर घरवालों सहित आसपास खुशी का माहौल है।
बेतिया के अंकेश को प्रदेश में आया छठा स्थान
बेतिया का बेटा अंकेश कुमार को मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा में सूबे में छठा स्थान मिला है। उसे 478 अंक मिले हैं। उसकी सफलता से खुशी की लहर है। शहर के बंसवरिया मोहल्ला स्थित अंबेडकरनगर का निवासी अंकेश आलोक भारती शिक्षण संस्थान का छात्र है। वह इंटर साइंस की पढ़ाई के साथ आइएएस की भी तैयारी शुरू करेगा। अंकेश ने कहा कि दुनिया में कुछ भी मुश्किल नहीं है। स्वाध्याय से बड़ा कोई मंत्र नहीं है। गुरुजनों का आशीर्वाद और माता-पिता का मार्गदर्शन मिले तो फिर क्या कहना। पिता झगरू राम मोची का काम करते हैं। मां सोनी देवी गृहिणी हैं। अंकेश दो भाई हैं। दो बहनें भी हैं। बेटे की सफलता पर पिता ने कहा कि यह किसी सपने के सच होने जैसा लग रहा है। वह शुरू से पढ़ाई में अव्वल रहा है। घर पर घंटों पढ़ाई करता था। 
समस्तीपुर के अमित को आठवां स्थान
मैट्रिक परीक्षा में जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के रजौड़ गांव के छात्र अमित कुमार को सूबे में आठवां स्थान (476 अंक) मिला। वह सिमुलतला आवासीय विद्यालय जमुई का छात्र है। अमित रजौड़ रामभद्रपुर निवासी व भवन निर्माण विभाग के पत्राचार लिपिक शीलानाथ मंडल और गृहिणी रेणु कुमार का पुत्र है। वह आइआइटी के बाद सिविल सेवा की तैयारी करना चाहता है। भाई में अकेला है। दो बहनें हैं। दूसरी बहन भी इस साल मैट्रिक परीक्षा पास की। उसे भी 419 अंक मिले। अमित गांव के ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय राजौड़ गंगा राय स्कूल से प्राइमरी पास करने के बाद प्लस टू हाई स्कूल शिवाजीनगर में पढाई कर रहा था। इसी दौरान सेलेक्शन सिमुलतला हाईस्कूल में हो गया। वह अपनी सफलता का श्रेय, माता-पिता, बहन और शिक्षकों को देता है।
मधुबनी के रामकुमार को मिला नौवां स्थान
मधुबनी के लदनियां प्रखंड के सिधन बोन टोल निवासी रामबहादुर सिंह और मंजू देवी के पुत्र रामकुमार सिंह (475 अंक) को सूबे में नौवां स्थान मिला है। वह आइआइटियन बनना चाहता है। उसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से हुई। इसके बाद अपग्रेड हाईस्कूल सिधप परसाही से पढ़ाई की। उसने विपरीत परिस्थिति में मेहनत के बल पर सफलता हासिल की। उसके स्कूल में हाईस्कूल स्तर के एक भी शिक्षक नहीं है। छात्र रामकुमार ने कहा यदि लगन है और मेहनत करें तो सफलता मुश्किल नहीं है। अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजन को दिया। पिता किसान और माता गृहिणी हैं।


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