सदर अस्पताल में हेपेटाइटिस बी रोगियों के इलाज की है व्यवस्था
हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी है। जो हेपेटाइटिस से ग्रसित रोगी के लीवर को संक्रमित करता है।
हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी है। जो हेपेटाइटिस से ग्रसित रोगी के लीवर को संक्रमित करता है। इस वायरस का संचरण संक्रमित रक्त के संपर्क में जाने से होता है। यह संक्रमित व्यक्ति की पाचन शक्ति को कमजोर कर देता है। साथ ही खाना आदि पचने में परेशानी होने लगती है। इसके कारण संक्रमित व्यक्ति शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो जाता है। शरीर में खून की कमी हो जाती है। इसके कारण रोगी की स्थिति गंभीर होने लगती है। रोगी की जान को खतरा भी बना रहता है। कोरोना महामारी के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से हेपेटाइटिस से बचाव को लेकर टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। सदर अस्पताल में हेपेटाइटिस रोगियों की जांच व इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। गंभीर रोगियों को प्राथमिक उपचार के बाद पीएमसीएच, पटना रेफर किया जाता है। हेपेटाइटिस बी का क्या है लक्षण
- हेपेटाइटिस बी से ग्रसित रोगियों के लीवर में सूजन व जलन, उल्टी होना भूख कम लगना, शरीर में दर्द, हल्का बुखार लगना आदि प्रमुख लक्षण है। इस तरह की परेशानी होने पर ग्रसित व्यक्ति को स्थानीय पीएचसी में जाकर चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। और चिकित्सकों की सलाह से जांच करवाकर दवा आदि का सेवन करना चाहिए। रोकथाम के लिए क्या है जरूरी
- हेपेटाइटिस बी संक्रमित व्यक्ति के रक्त संचरण व शरीर के तरल पदार्थ के संचरण के माध्यम से वायरस फैलता है। इसलिए असुरक्षित यौन संपर्क, रक्तदान, दूषित सूई का प्रयोग व दोबारा सिरिज का प्रयोग नहीं करें। और बच्चे को जन्म के समय टीका अवश्य लगवाएं। कहते हैं अधिकारी
- हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी है। सभी सरकारी अस्पतालों में जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही टीकाकरण की व्यवस्था की गई है।
डॉ.मनोज कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल नवादा।