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तेज वर्षा के बाद ककोलत में आई बाढ़, मची अफरातफरी

गोविदपुर। गोविदपुर प्रखंड में बुधवार की सुबह से झमाझम वर्षा शुरू हो गई। लगातार वर्षा होने के बाद ककोलत जलप्रपात में अचानक बाढ़ आ गई। सैलानियों के लिए बने कुंड में पहाड़ के ऊपर से तेज रफ्तार से पानी गिरना शुरू हो गया। जलप्रपात के पास रहे लोगों में अफरा-तफरी मच गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 12:22 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 12:22 AM (IST)
तेज वर्षा के बाद ककोलत में आई बाढ़, मची अफरातफरी
तेज वर्षा के बाद ककोलत में आई बाढ़, मची अफरातफरी

गोविदपुर। गोविदपुर प्रखंड में बुधवार की सुबह से झमाझम वर्षा शुरू हो गई। लगातार वर्षा होने के बाद ककोलत जलप्रपात में अचानक बाढ़ आ गई। सैलानियों के लिए बने कुंड में पहाड़ के ऊपर से तेज रफ्तार से पानी गिरना शुरू हो गया। जलप्रपात के पास रहे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। इसी बीच ककोलत जलप्रपात में केयर टेकर यमुना पासवान व उनके सहयोगियों द्वारा फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। कोई जान-माल की क्षति नहीं हुई। बाढ़ आने की खबर सुनते ही आस-पास के लोगों की भीड़ जुट गई। बता दें कि ककोलत जलप्रपात में वर्षा के दिनों में पानी होने पर जलस्तर काफी बढ़ जाता है। पहाड़ के ऊपर से तेज रफ्तार में पानी गिरने लगता है। करीब पांच साल पहले भी वर्षा होने पर अचानक बाढ़ आ गई थी। बाढ़ आने पर जलप्रपात की स्थिति भयावह हो जाती है। जलस्तर अचानक बढ़ने के बाद केयर टेकर यमुना पासवान जलप्रपात के पास फंसे सैलानियों को सुरक्षित निकालने में सफल रहे। जलप्रपात से बाहर निकलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। ऐसे कोई जान-माल की क्षति नहीं पहुंची है। जलस्तर बढ़ जाने के बाद जलप्रपात में सैलानियों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। वर्षा बनी वरदान, बिचड़ा बोने में जुटे किसान

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रोह। प्रखंड में बुधवार को हुई बारिश के बाद जहां एक और मौसम काफी खुशगवार हो गया। वहीं किसानों के लिए भी वरदान साबित हो गया। किसान धान का बिचड़ा बोने के कार्य में लग गए हैं। बारिश के कारण जहां आम लोगों को गर्मी से निजात मिल गई है। वहीं खेतीबारी के कार्य में भी यह बारिश वरदान साबित हो रहा है। किसान बारिश के लिए कई दिनों से आसमान की ओर टकटकी लगाए थे। क्योकि बिजली की आंख-मिचौली से खेतों में धान का बिचड़ा डालना संभव नहीं था। परन्तु बारिश के बाद खुशगवार मौसम बिचड़ा बोने के लिए अनुकूल हो गया। प्रखंड के अधिकांश किसान खेती-बाड़ी के कार्य में जुट गए हैं।


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