जल शक्ति अभियान से जुड़े देश के 255 जिलों में नवादा 57वें पायदान पर
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से भू-जल संरचना को सु²ढ़ बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए प्राकृतिक जलस्रोतों को विकसित करने की कवायद की जा रही है।
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से भू-जल संरचना को सु²ढ़ बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए प्राकृतिक जलस्रोतों को विकसित करने की कवायद की जा रही है। जिले के आम लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहे रिचार्ज पीट, तालाब, सोखता, कुंआ, पोखर, चेकडैम के जीर्णोद्धार का काम किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक बीते कुछ महीनों में जिस तरह से काम को गति मिली है उसमें जल शक्ति अभियान में नवादा का स्थान अच्छा है। इस अभियान में देश भर के 255 जिले शामिल हैं। इनमें नवादा 57वें स्थान पर है। नीति आयोग से लेकर दूसरी एजेंसी नवादा जिले में लगातार आम जन की सहयोग से पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अभियान को गति दे रही है। इसी कड़ी में नीति आयोग के सहयोगी रहे पिरामल फाउंडेशन के दो प्रतिनिधियों ने बीते एक सप्ताह में मेसकौर प्रखंड का भ्रमण कर वहां किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। ये अनेक गांवों में गए, जहां की समस्याएं जानी। जनप्रतिनिधियों की राय जानी। इसके साथ ही जिला स्तर की समीक्षा बैठकों में शामिल होकर योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर वरीय अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे निर्देशों को भी सुना। शनिवार को पिरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि मो. नईम व जितेंद्र लचीरेड्डी ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जरूरी जानकारी प्राप्त की। कलेक्ट्रेट परिसर में बने वाटर रिचार्ज पीट की दो यूनिट का निरीक्षण किया।
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बिहार के 13 जिलों में नवादा में बेहतर काम
-प्रतिनिधियों ने बताया कि देश के 255 जिलों में बिहार के 13 जिले शामिल हैं। इनमें नवादा जिले में जल शक्ति का जो काम हो रहा है वह बहुत अच्छा है। नवादा जिले के अलावा बेगुसराय, भोजपुर, गया, गोपालगंज, जहानाबाद, कटिहार, नालंदा, पटना, सारण व वैशाली जिला शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक नवादा जिले में इस अभियान के तहत 4 लाख 92 हजार 80 पौधा लगाए गए हैं।
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जल संरक्षण में मददगार है इमली व कटहल का पौधा
संस्थान के प्रतिनिधि जितेंद्र लचीरेड्डी ने बताया कि जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इमली, कटहल, जामुन, बेर, बेल, गुलड़, वर, पीपल आदि का भी पौधा लगाया जाना चाहिए। इमली के पेड़ की खासियत यह होती है कि वह भूजल संरचना को बनाए रखती है। जमीन के पानी को यह पौधा उपर की ओर खिचता है।
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जनप्रतिनिधियों का बेहतर सहयोग, श्रमदान से बन रही पोखर
नवादा जिले के पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों की ओर से ग्रामीणों और जल शक्ति अभियान को बेहतर मदद मिल रही है। जल संकट से जूझ रहे मेसकौर प्रखंड के जनप्रतिनिधि अभियान को गति देने में इच्छुक दिख रहे हैं। मो. नईम ने बताया कि यह अच्छी बात है। ग्रामीणों को भी जागरूक रहना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण के जरिए अपने जीवन को सुरक्षित और खुशहाल रखा जा सकता है। उन्होंने जल शक्ति अभियान की सफलता के लिए जनसहभागिता को बहुत ही जरूरी बताया। उन्होंने बताया कि मेसकौर प्रखंड में श्रमदान से पोखर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। इस तरह के सहयोग से अभियान को सफलता की ओर तेजी से ले जाया जा सकता है।