वन विभाग इस साल लगाएगा 5.37 लाख पौधे
नवादा जिले में वन विभाग इस साल 5 लाख 37 हजार पौधा लगाएगा। वनरोपण कार्यक्रम के तहत ये सारे पौधे लगाए जाएंगे।
नवादा जिले में वन विभाग इस साल 5 लाख 37 हजार पौधा लगाएगा। वनरोपण कार्यक्रम के तहत ये सारे पौधे लगाए जाएंगे। वन कैलेंडर के अनुसार 10 जुलाई से पौधा लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। जो अगस्त तक चलेगा। पौधा लगाने का काम अच्छे मॉनसून पर निर्भर करता है। नवादा जिले में 311 हेक्टेयर वन भूमि है। जो कि कौआकोल, रजौली, गोविदपुर, सिरदला व मेसकोर प्रखंड में मुख्य रूप से है। इसके अलावा रोह, अकबरपुर, हिसुआ व नारदीगंज में भी छिटपूट वन क्षेत्र है। जिले में पौधा तैयार करने के लिए चार नर्सरी हैं। ये हिसुआ के मंझवे, नवादा के आईटीआई, कौआकोल में ब्लॉॅक और रजौली में हरदिया में है। नवादा जिला नवादा, रजौली, कौआकोल समेत हिसुआ चार रेंज में बंटा हुआ है। नवादा जिला में वन विभाग की ओर से छह प्रमुख योजनाएं चलाई जा रही है। इनमें अपकृष्ट वनों का पुनर्वास, हर परिसर-हरा परिसर, कृषि वानिकी, दुर्गावति, संरक्षण, कैंपा जैसी योजनाएं संचालित होती हैं। इन सभी योजनाओं का मकसद वनरोपण कार्यक्रम को गति देना है। साल 2018 की बात करें तो जिले में हर परिसर-हरा परिसर के तहत 2740 पौधे लगाए गए थे। पायलट प्रोजेक्ट किसान स्कीम के तहत 5 हजार पौधे लगे। तो वहीं कृषि वानिकी कार्यक्रम के तहत 1 लाख 68 हजार 980 पौधा किसानों के बीच वितरित किए गए।
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पर्यावरण संरक्षण में वन सुरक्षा सबसे जरूरी
वन हो तो वर्षा है। वर्षा है तो जल है और जल है तो ही जीवन है। यह श्लोग्न पर्यावरण संरक्षण जागरूकता को बल देती है। आधुनिकता की दौड़ में आज तेजी से वन काटे जा रहे हैं। जिसका दुष्प्रभाव कई रूपों में दिखाई भी पड़ने लगा है। आज पूरी दुनिया गर्म होती धरती(ग्लोबल वॉर्मिंग) को लेकर चितित दिखाई पड़ती है। पर्यावरण के बिगड़ते माहौल का ही असर है कि आज समय से मॉनसून दस्तक नहीं देती। देती भी है तो पर्याप्त बारिश नहीं होती। कहीं बेमौसम बरसात तो कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे के हालात बनते हैं। इन सबसे आम मानवीय जीवन प्रभावित होता है। ऐसे में नवादा के वन रेंजर अखिलेश्वर प्रसाद वन की सुरक्षा को सबसे जरूरी बताते हैं। उन्होंने पर्यावरण दिवस के मौके पर कहा कि पेड़-पौधों की सुरक्षा करना और नए पौधे लगाकर उनकी रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए। वे अंधाधुंध वनों की कटाई को लेकर चिता जाहिर करते हैं।
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नवादा के वन को आदमी व जानवरों से ज्यादा नुकसान
- विभागीय कर्मी बताते हैं कि नवादा जिले में जो भी वन हैं वहां स्थानीय लोग व जानवरों से उन्हें नुकसान पहुंचता है। वे बताते हैं कि लोग नियम कानून को ताकपर रखकर बेखौफ वनों की कटाई कर देते हैं। वन रक्षी के नहीं रहने के कारण गुपचुप रूप से पेड़-पौधे काटे जाते हैं। वहीं नए पौधे जो लगाए जाते हैं उन्हें जानवर चारागाह के रूप में इस्तेमाल कर लेते हैं। इससे वह पौधा पेड़ बनने से पहले ही नष्ट हो जाता है।
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जिला के वन में प्रमुख पौधे-
एकेसिया, महुगनी, शीशम, सागवान, गंभार, जामुन, कहुआ, पीपल, वट, नीम, गुलड़
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पर्यावरण दिवस पर आज कोर्ट परिसर में लगेंगे फूलदार पौधे विश्व पर्यावरण दिवस पर वन विभाग की ओर से सिविल कोर्ट परिसर में बुधवार को कार्यक्रम किया जाएगा। सुबह में 8 बजे से कार्यक्रम होगा। कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार यहां अनेक तरह के फूलदार पौधे लगाए जाएंगे। इन पौधों में गोल्ड मोहर, कचनार, अमलताश, बोतल ब्रश व अन्य। इस कार्यक्रम के जरिए अधिकारी पूरे जिलेवासियों को पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता का संदेश देंगे।
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