50 लाख खर्च, फिर भी जलमीनार को नसीब नहीं जल
- जलमीनार बनी शोभा की वस्तु संवेदक द्वारा आजतक पूरा नहीं किया गया कार्य - सात हजार से अधि
- जलमीनार बनी शोभा की वस्तु, संवेदक द्वारा आजतक पूरा नहीं किया गया कार्य
- सात हजार से अधिक की आबादी को नहीं मिल रहा शुद्ध पानी
अविनाश निराला, रोह, नवादा : प्रखंड मुख्यालय रोह में 50 लाख रुपये की लागत से बना जलमीनार शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। निर्माण हुए लगभग चार साल से अधिक हो चुका परन्तु जलमीनार लोगों की प्यास नहीं बुझा सका। या यूं कहें कि जलमीनार को ही जल नसीब नहीं हो सका। जिसके इस इलाके के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। परन्तु इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा। करीब दो साल पहले पीएचईडी द्वारा रोह के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए लगभग पचास लाख रुपये की लागत से 25 हजार गैलन पानी जमा करने की क्षमता वाला जलमीनार का निर्माण कराया गया था। इसके पास ही डीप बोरिग करवाया गया। लेकिन वर्षो बीत जाने के बाद भी आज तक जलमीनार जल नसीब नहीं हुआ। हालांकि जलापूर्ति के लिए पाईप भी बिछाए गए। जगह-जगह वाटर पोस्ट भी बनाये गये। लेकिन धीरे -धीरे वह भी टूट गया।
अब तो अधिकांश जगहों पर पाइप भी फट गया है। हालांकि यदाकदा जलमीनार के पास हुए बोरिग से डायरेक्ट पाइप लाइन में ग्रामीणों द्वारा पानी छोड़ा जाता है। जो घरों तक पहुंचती है। लेकिन जगह -जगह पाइप फटे होने के कारण दूषित पानी नलों से निकलती है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां ऑपरेटर भी नहीं हैं। इस संबंध में कई बार विभागीय अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई गई है। लेकिन आजतक किसी ने इसकी सुध नहीं ली। ऐसे में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। यहीं नहीं जलमीनार में लगा सेंट्रिंग भी नहीं खोला गया। उस जगह पर कृषि कार्यालय होने के कारण प्रतिदिन वहां काफी संख्या में लोग मौजूद रहते हैं। ऐसे में कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।
कहते हैं पदाधिकारी
मामला संज्ञान में आया है। इस संबंध में पीएचईडी नवादा को पत्र लिखा जायेगा। कमियों को दूर तक जल्द से जल्द टंकी से पानी का प्रवाह आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
कुमार अश्विनी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, रोह, नवादा