Move to Jagran APP

आखिरी दिन प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत, कल डाले जाएंगे वोट

पहले चरण के लोकसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार की समय सीमा मंगलवार की शाम खत्म हो गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 10:54 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 10:54 PM (IST)
आखिरी दिन प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत, कल डाले जाएंगे वोट
आखिरी दिन प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत, कल डाले जाएंगे वोट

पहले चरण के लोकसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार की समय सीमा मंगलवार की शाम खत्म हो गई। नवादा जिले में लोकसभा चुनाव व नवादा विधानसभा उपचुनाव के प्रचार-प्रसार को लेकर तमाम प्रत्याशियों ने पूरजोर ताकत लगाई। अंतिम दिन की बात करें तो सुबह से शाम तक कई उम्मीदवारों की ओर से रोड शो किया गया। इसके साथ ही तमाम उम्मीदवारों की ओर से वोट अपील को लेकर प्रचार वाहन शहर में घुमते रहे। नवादा में प्रचार समय के लिए शाम 6 बजे तक का समय निर्धारित था। तो गोविदपुर व रजौली विधानसभा में यह समय दो घंटे कम यानि शाम 4 बजे तक ही तय थी। इस बीच दिलचस्प यह रहा कि सभी उम्मीदवारों ने मतदाताओं के समक्ष खुद को उनका सेवक बताते हुए वोट मांगी। रोड शो में निकले नेताओं के दोनों हाथ लगातार मतदाताओं को अभिभावदन में जुटे रहे। इनके साथ रहे समर्थक अपने नेताजी के पक्ष में चिल्ला-चिल्लाकर जिदाबाद के नारे बुलंद करते दिखे। इलाके के मतदाताओं ने भी अपने मोहल्ले से गुजरे नेताओं के उपर पुष्पवर्षा की। युवाओं ने आगे बढ़कर नेताओं के गले में फूलों का माला पहनाया। बहरहाल, यह सब तो चुनाव का क्लाइमेक्स मात्र ही समझा जाएगा। सही वक्त तो 11 अप्रैल को होगा। जब जिले के करीब साढ़े 18 लाख मतदाता अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट करेंगे। चुनाव के नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे।

loksabha election banner

-------------------------

रैलियों का दौर खत्म, अब जनसंपर्क ही सहारा

बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियों के लिए अपनी ताकत जुटा रहे नेताओं के लिए मंगलवार की शाम ने थोड़ी राहत दी। चुनाव प्रचार का समय खत्म हो गया है। लिहाजा, नेताओं को अब धूप में ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ेगा। गला फांडकर भाषण नहीं देना पड़ेगा। ना ही पहले जैसी वह ताम-झाम दिखाने की दरकार होगी। हां, उम्मीदवार चाहें तो अपने मतदाताओं के बीच जाकर जनसंपर्क कर सकते हैं। लेकिन चुनाव आयोग के नियमों का उन्हें ख्याल रखना होगा।

-------------------

पावरफुल बूथ मैनेजमेंट नैय्या पार लगाने में होगी सहायक

-नेताओं की ओर से मतदाताओं को जितना रिझाना था वह कर लिया गया है। जितने पंपलेट, हैंडबील बांटने थे, गीत-संगीत के जरिए वोट मांगने थे वह सब हो गए हैं। अब नेताओं के लिए जो सबसे जरूरी रह जाती है वह है बूथ मैनेजमेंट को अंतिम रूप से ताकतवार बनाने की। राजनीति के जानकार बताते हैं कि मतदान के दिन कितने मतदाता वोट डालने के लिए घरों से निकलते हैं यह सबसे जरूरी होता है। नियमानुसार हर बूथ पर उम्मीदवार अपनी ओर से पोलिग एजेंट रखते हैं। पूरे वोटिग प्रक्रिया में उनकी गहरी दिलचस्पी जरूरी मानी जाती है। चुनाव के दिन बूथ मैनेजमेंट हर नेता की जीत-हार के लिए अहम कड़ी मानी जाती है। जिले के हर नेता इस बात को समझते हुए तैयारियों में जुटे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.