नाना के श्राद्ध में आए युवक की जिराइन नदी में डूबने से मौत
अस्थावां। थाना क्षेत्र के धोबीबीघा गांव में नाना के श्राद्ध कर्म में आए युवक की जीराइन नदी में डूबने से मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि एकंगरसराय थाना क्षेत्र के अमनारखास जगाय गांव का 21 वर्षीय गुंजन कुमार अपने नाना के श्राद्ध में ननिहाल आया था। बुधवार को नाना के श्राद्धकर्म का 13वां था। परमपरा के अनुसार सुबह में पीपल में पानी देने के पहले वह नहाने के लिए स्वजनों के साथ नदी में नहाने गया था। इसी दौरान वह गहरे गड्ढे में चला गया देखते-देखते वह डूब गया।
अस्थावां। थाना क्षेत्र के धोबीबीघा गांव में नाना के श्राद्ध कर्म में आए युवक की जीराइन नदी में डूबने से मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि एकंगरसराय थाना क्षेत्र के अमनारखास जगाय गांव का 21 वर्षीय गुंजन कुमार अपने नाना के श्राद्ध में ननिहाल आया था। बुधवार को नाना के श्राद्धकर्म का 13वां था। परमपरा के अनुसार सुबह में पीपल में पानी देने के पहले वह नहाने के लिए स्वजनों के साथ नदी में नहाने गया था। इसी दौरान वह गहरे गड्ढे में चला गया, देखते-देखते वह डूब गया। ग्रामीणों ने उसे तत्काल बाहर निकाला और बाइक से ही रेफरल अस्पताल अस्थावां ले गए। अस्पताल प्रभारी डॉक्टर अविनाश चंद्रा ने बताया कि युवक की गंभीर हालत को देखते हुए उसे सदर अस्पताल ले जाने की सलाह दी। फिर ग्रामीण उसे बाइक से ही बिहारशरीफ ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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इकलौता पुत्र व इकलौता नाती था गुंजन
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गुंजन मां-पिता का इकलौता पुत्र व ननिहाल का इकलौता नाती था। 13 दिन पहले ही बेवा हुई नानी का अपने इकलौते नाती की मौत की खबर सुनकर रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार अपने भाग्य को कोस रही है। इधर, सदर अस्पताल पहुंची मृतक की इकलौती बहन अपने भाई के चेहरे को एकटक निहारती हुई बिलख रही थी। बदहवासी में उसे बार-बार उठाने की कोशिश कर रही थी। युवक के पिता किसान व मां गृहिणी हैं। दोनों अपने इकलौते पुत्र की मौत से स्तब्ध हैं। सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद युवक शव एकंगरसराय स्थित उसके गांव ले जाया गया।
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बालू माफियों के किए गड्ढों में 29 दिन में 29 मौत
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गुंजन की मौत की वजह बालू माफिया हैं। जो जेसीबी लगाकर नदियों का पेट बेतरतीब ढंग से खाली करते आ रहे हैं। इससे जहां-तहां गहरे गड्ढे हो गए हैं। गुंजन इससे अनजान था, इसी कारण नहाने के दौरान जिराइन नदी के गड्ढे में चला गया। जिससे डूबकर उसकी मौत हो गई। गांव वालों में बालू का अवैध खनन करने वालों व खनन विभाग के खिलाफ आक्रोश है। लोग मौत का जिम्मेवार बालू माफिया व खनन विभाग के गठजोड़ को मान रहे हैं। बता दें कि जिले भर में बीते 29 दिनों में इस तरह के गड्ढों में डूबकर 29 मौत हो चुकी है। औसतन रोजाना एक मौत के बावजूद शासन गंभीर नहीं है। ऐसा कोई प्रखंड नहीं है, जहां डूबने से मौत नहीं हुई हो।