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बालू उठाव को लेकर ग्रामीणों ने खनन विभाग के अधिकारी को पीटा, गोलीबारी

स्थानीय थाना के उतरथु गांव के सैकड़ो ग्रामीणों ने ढाई पीपर नदी घाट पहुंचकर बालू उठाव करने से रोक लगा दिया। बालू उठाव पर रोक से बालू माफियाओ ने जमकर गोलीवारी किया। गोलीवारी से इलाका दहल गया।बालू घाट पर ग्रामीणों व मजदूरों में भगदड़ मच गई।ग्रामीण उग्र हो गए और माइनिग के असिस्टेंट डायरेक्टर समेत कई लोगों की जमकर धुनाई कर दी।प्रशासन ने बालू घाट के दोनों तरफ रास्ते को काट कर अवरूद्ध कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 07:50 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 07:50 PM (IST)
बालू उठाव को लेकर ग्रामीणों ने खनन विभाग के अधिकारी को पीटा, गोलीबारी
बालू उठाव को लेकर ग्रामीणों ने खनन विभाग के अधिकारी को पीटा, गोलीबारी

बिद: थाना क्षेत्र के उतरथु गांव के पीपर व अंदी बालू घाट को बंद 8कराने पहुंचे ग्रामीणों ने खनन विभाग के सहायक निदेशक पंकज कुमार की जमकर पिटाई कर दी। इसी बीच कुछ बदमाशों ने गोलीबारी कर दी, जिससे तनाव बढ़ गया। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और खनन अधिकारी को भीड़ से बचाकर थाने ले आए। घटना के तुरंत बाद डीएसपी इमरान परवेज, एसडीओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल, बिद, रहुई व अस्थावां थाना की पुलिस मौके पर पहुंच गई। जानकारी के अनुसार ग्रामीण बीते दिनों इलाके में आए बाढ़ की मुख्य वजह बालू घाट को मान रहे थे। इसी को लेकर दर्जनों ग्रामीण अंदी व पीपर घाट पर पहुंचे और बालू का उठाव कर रहे मजदूरों को पीटना शुरू कर दिया।

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एसडीओ ने बताया कि खनन पदाधिकारी पंकज कुमार पर गांव के ही कुछ लोगों ने हमला कर दिया। पंकज को सूचना मिली थी कि कुछ लोग घाट से अवैध खनन का कार्य कर रहे हैं, वह कार्रवाई करने पहुंचे थे। बिना सच्चाई जाने ग्रामीण उनसे उलझ गए। जब उन्होंने विरोध किया तो ग्रामीणों ने उन्हें व कई अन्य लोगों की जमकर पिटाई कर दी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष राकेश कुमार मौके पर पहुंचे और उन्हें भीड़ से बचाकर थाने ले आए। गोलीबारी की घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों का आरोप है कि बालू माफिया ने दहशत फैलाने के उद्देश्य से गोलीबारी की। थानाध्यक्ष ने बताया कि इस मामले में 17 नामजद व 50 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। डीएसपी ने कहा कि हमला करने वालों को चिह्नित किया जा रहा है। सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। अगर ग्रामीणों को दिक्कत थी तो आकर मिलते। इस तरह कानून को हाथ में लेना ठीक नहीं है। फिलहाल पुलिस गांव में ही कैंप कर रही हैे। वहीं सहायक निदेशक से जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया ।


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