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बिहार:मारपीट और छिनतई के आरोपी दो किशोरों को जज ने सुनायी अनोखी सजा, जानिए

बिहार के नालंदा जिले में किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने दो किशोरों को अनोखी सजा सुनाई है। दोनों किशोर एक महिला से मारपीट कर रुपये छीनने के आरोपी हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 01:59 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 10:39 PM (IST)
बिहार:मारपीट और छिनतई के आरोपी दो किशोरों को जज ने सुनायी अनोखी सजा, जानिए
बिहार:मारपीट और छिनतई के आरोपी दो किशोरों को जज ने सुनायी अनोखी सजा, जानिए

नालंदा, जेएनएन। किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने फिर एक अनोखी सजा सुनाई है। उन्होंने दो किशोरों को सजा के तौर पर जल ही जीवन है, संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का टास्क सौंपा है। दोनों किशोर नालंदा की दीपनगर क्षेत्र में डीएम के अधीन रहकर ये दो माह तक लोगों को जल का महत्व बताएंगे। डीएम योगेन्द्र सिंह ने कहा कि यह न्यायिक फैसला है। इससे समाज में बेहतर संदेश जाएगा। 

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जज ने कहा-रिमांड होम भेजने से पढ़ाई होगी डिस्टर्ब

जस्टिस मिश्रा ने बताया कि दोनों इंटर के छात्र है, इन्हें पर्यवेक्षण गृह भेजने से पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। ऐसे फैसले से किशोरों में सामाजिक जिम्मेदारियों का अहसास होगा। इससे पहले 6 अप्रैल को दोषी किशोरों को उन्होंने एक माह तक वोटरों को जागरूक करने का टास्क सौंपा था।

जज ने कहा कि विधि विरुद्ध किशोर अपराधी को दंड देते समय यह बात ध्यान में रखने योग्य है कि उसके साथ न्याय होना चाहिए। किशोर अपराधी के मामले में कठोर दंड देना उचित नहीं है। हतोत्साहित करने वाली सजा के बदले प्रेरणादायक सजा दी जानी चाहिए।

क्या है मामला

इन दोनों किशोरों पर आरोप है कि 24 जून 2015 को इन्होंने महिला के साथ मारपीट कर उसके रुपए छीन लिए थे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोप सही साबित हुए। 

डीएम तय करेंगे काम

जज मानवेन्द्र मिश्रा ने बताया कि जल ही जीवन  का संदेश देने के लिए दोनों किशोर डीएम द्वारा निर्धारित इलाकों में जाकर लोगों को जल के दुरुपयोग को रोकने के प्रति जागरूक करेंगे। संदेश देंगे कि लोग अपने घर, परिवार के लोगों को जल के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रेरित करें और बताएं कि अगर इसकी बर्बादी को नहीं रोका गया तो नई पीढ़ी प्यासी रहेगी। दोनों लोगों को वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए भी प्रेरित करेंगे।

दी गई है अनोखी सजा, सुनकर लोगों ने कहा-वाह...

उन्होंने कहा कि जब वाटर प्यूरिफायर का इस्तेमाल किया जाता है, तब पानी की अत्यधिक बर्बादी हो जाती है। एक आरओ शोधक प्रत्येक एक लीटर शुद्ध पानी के लिए 3 लीटर पानी बर्बाद करता है। आरओ से निकले अशुद्ध जल को संरक्षित कर उसे सिंचाई के रूप में या कपड़े , बर्तन साफ करने के प्रयोग में लाने के लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है। स्नान करने समय, ब्रश या शेविंग करते समय भी पानी की बर्बादी लोग करते है, उसे भी रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। 

ये फैसले भी रहे चर्चित

बता दें कि जस्टिस मिश्रा पूर्व में भी मारपीट के आरोपी किशोर को रिहा करने, तीन महीने तक दो किशोरों को ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने, तीन माह महादलित बच्चों को पढ़ाने और पौधे लगाने जैसी सजा सुना चुके हैं। 


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