तेज आवाज के साथ धरती फटी और निकलने लगा पानी
कतरीसराय। प्रखंड के बरीठ गांव के आदलचक पनसल्ला पर शुक्रवार की दोपहर अचानक तेज आवाज के साथ धरती में दरार पड़ गई और अंदर से झागदार पीला पानी निकलने लगा। यह देख आसपास के लोग घबरा गए। कोई इसे दैवीय प्रकोप मान रहा है तो कोई इसे प्राकृतिक आपदा का सूचक बता रहा है। क्षेत्र में जितनी मुंह उतनी बात हो रही है। घटना के 36 घंटे तक कोई विशेषज्ञ मुआयना करने नहीं पहुंचा। इस कारण लोगों में भ्रम बना हुआ है।
कतरीसराय। प्रखंड के बरीठ गांव के आदलचक पनसल्ला पर शुक्रवार की दोपहर अचानक तेज आवाज के साथ धरती में दरार पड़ गई और अंदर से झागदार पीला पानी निकलने लगा। यह देख आसपास के लोग घबरा गए। कोई इसे दैवीय प्रकोप मान रहा है तो कोई इसे प्राकृतिक आपदा का सूचक बता रहा है। क्षेत्र में जितनी मुंह उतनी बात हो रही है। घटना के 36 घंटे तक कोई विशेषज्ञ मुआयना करने नहीं पहुंचा। इस कारण लोगों में भ्रम बना हुआ है।
गांव के अन्नू महतो व वृद्ध किसान दाहू महतो का कहना है कि 1930 के दशक में खंधा में पानी नहीं रहता था। तो गांव के संपन्न किसान राजू महतो ने इस जगह पर पेयजल के लिए पनशाला बनवाई थी। उसी का परिणाम है कि आज गंगा साक्षात धरती फाड़ कर अदलचक पनसल्ला पर पानी के रूप में निकल आई है। वहीं कुछ अन्य लोगों का कहना है कि यह कोई दैवीय चमत्कार नहीं है, जबकि भू गर्भीय आपदा है। इसी कारण जून के महीने में धरती फाड़ कर स्वत: पानी निकल आया है। जबकि गर्मी के दिनों में अक्सर जलस्तर नीचे चला जाता है। लोगों ने इसकी वजह जानने की उत्सुकता चरम पर है।
...........
गैस के अतिरिक्त दबाव से पड़ी होगी दरार : डॉ. निर्मल
..........
रांची में जियोलाजिकल निदेशालय से सेवानिवृत्त उपनिदेशक डॉ निर्मल कुमार सिंह ने बताया कि धरती के भीतर किसी गैस के अतिरिक्त दबाव की वजह से दरार पड़ी होगी। पानी निकल रहा होगा। पेट्रोलियम पदार्थ या ज्वलनशील गैस होने की संभावना नहीं है। दलदली जमीन के कारण भी दरार पड़ सकती है। जब तक स्थल जांच नहीं कर ली जाती, तब तक निश्चित रूप से कुछ कहना मुश्किल है।