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कौमी एकता व देशभक्ति का संदेश दे गया मोहर्रम का अखाड़ा

बिहारशरीफ। नौबतखानों व ताजियों के पहलाम के साथ ही जिले में त्याग व शहादत का पर्व मुहर्रम शांतिपूर्ण

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 05:50 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 05:50 PM (IST)
कौमी एकता व देशभक्ति का संदेश दे गया मोहर्रम का अखाड़ा
कौमी एकता व देशभक्ति का संदेश दे गया मोहर्रम का अखाड़ा

बिहारशरीफ। नौबतखानों व ताजियों के पहलाम के साथ ही जिले में त्याग व शहादत का पर्व मुहर्रम शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया। इसके पूर्व शनिवार की अलसुबह से ही नौबतखानों, ताजियों, सिपल आदि के साथ जुलूस का निकलना शुरू हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। मुहर्रम जुलूस सद्भावना मार्ग से होकर गुजरा और फिर सभी का पहलाम बड़ी दरगाह में किया गया।

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वहीं, कुछ शरारती तत्वों के गलत मंसूबों के भांपते हुए प्रशासन की ओर से इस बार शहर में चप्पे-चप्पे पर सशस्त्र पुलिस बलों की जबरदस्त व्यवस्था की गई थी। जिन हालात में प्रशासन ने मुहर्रम को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया, वह प्रशासन के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। पुलिस ने पिछले कई दिनों से 24 घंटे ड्यूटी में तैनात रहकर किसी को भी कुछ गड़बड़ करने का मौका नहीं दिया। दोनों समुदाय के आम लोगों ने भी अमन कायम रखने में अहम योगदान दिया। करीब 25-30 हजार लोग हरवे-हथियार से लैस होकर सद्भावना मार्ग से गुजर गए और एक पत्ता भी नहीं हिला। शहर से निकले 50 अखाड़ों में युवाओं ने जमकर दिखाई फन-ए-सिपाहगिरी:

शहर से लगभग 50 अखाड़े विभिन्न मोहल्लों से निकाले गये जिसमें हजारों लोगों ने पारंपरिक हथियारों का जबर्दस्त प्रदर्शन किया। इस्लामिक झंडा व तिरंगा झंडे का कोलाज आज हर तरफ देखने को मिला। फतेह निशान, सिपर, ताजिए के आकर्षक प्रदर्शन के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने पूरी अकीदत के साथ पारंपरिक ढंग से मुहर्रम जुलूस निकाला। महलपर, बनौलिया, कोलसुमनगर, चैनपुरा, बारादरी, छज्जू मोहल्ला, खरादी मोहल्ला, गढ़पर, सोहसराय व खासगंज का अखाड़ा आकर्षण का केंद्र रहा। ताजिया व अखाड़ों के प्रदर्शन से पूरा शहर मुहर्रममय हो गया। त्याग व बलिदान के इस पर्व में अखाड़े के लोगों ने फन-ए-सिपाहगिरी व पारंपरिक अस्त्र-शस्त्रों के साथ करतब दिखाएं। पुलिस ने भी जगह-जगह व्यवस्था में पूरा सहयोग किया। अखाड़ों के साथ युवकों के साथ बूढ़े व बच्चों का भी जुनून देखने लायक था। नौबतखाना, सिपल, निशान, ताजिया आदि को देखने के लिए सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ीं। इधर भराव चौराहे पर वार्ड पार्षद रमेश कुमार उर्फ नीरजभान ने वार्ड पार्षद वकील खान के साथ जमकर लाठी खेली। डीएम और एसपी ने कहा-दोनों कौम की मिल्लत पूरे शहर की जीत :

डीएम त्यागराजन, एसपी सुधीर कुमार पोरिका, डीएसपी सदर निशित प्रिया, डीएसपी इमरान परवे•ा, डीएसपी संजय कुमार, एसडीओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल गाड़ी से पूरे शहर का भ्रमण करते दिखे। डीएसपी निशित प्रिया पुलिस फोर्स के साथ हर मोहल्ले में घूमती दिखी। मुहर्रम जुलूस के पहलाम के बाद डीएम व एसपी ने संयुक्त रूप से कहा कि यह गंगा-जमुनी तहजीब की धरती है। जब तक अमन पसंद लोग मौजूद हैं, शहर की कौमी एकता को कोई तोड़ नहीं सकता। गणेश पूजा व मोहर्रम में जिस तरह दोनों कौम ने आपसी सहयोग के साथ एकता दिखायी है वह शहर की जीत है। मुसलमानों ने श्रीगणेश का किया सम्मान तो हिन्दुओं ने मां दुर्गा का पंडाल खोल रखा मान :

गणेश पूजा में जहां एक ओर मुसलमान भाइयों ने कई जगह अखाड़ा नहीं निकाला तो वही हिन्दू भाइयों ने दुर्गा पूजा से पहले बनने वाले पंडालों को खोल शहर की सड़कों को खाली कर दिया। इस तरह एक दूसरे के धर्मों का सम्मान किया गया। इस मौके पर सामाजिक संस्थानों व व्यवसायिक संगठनों की ओर से राहत शिविर लगाये गये थे जिसमें पीने का पानी तथा मेडिकल एड की व्यवस्था की गई थी। टीशर्ट पर दिखा तिरंगा झंडा, जुबान पर हिन्दु-मुस्लिम एकता की बात : इस बार मुहर्रम के अखाड़े में हाथ में तिरंगा झंडे के साथ-साथ नेशनल फ्लैग बनी टीशर्ट भी सभी को आकर्षित कर रही थी। युवाओं के नारे 'इस मुल्क की जान है हिन्दू व मुसलमान' सबको रोमांचित कर रहे थे। मुहर्रम के अखाड़े में इस बार त्याग व बलिदान के साथ-साथ देश में रह रहे हिन्दू व मुसलमान की मिल्लत का भी संदेश दिया गया। महलपर के जुलूस में युवाओं ने चीख चीख कर कहा कि अपने मुल्क से बेहतर कोई मुल्क नहीं, जहां एक ही समय में हिन्दू भाई मंदिरों में पूजा करते है, आरती करते है और मुसलमान भाई मस्जिदों में सुकून के साथ नमाज अदा करते है। 

कहीं गुलाबी तो कहीं दिखी हरी पगड़ी, बूढ़े इमाम साहब के बाद नहीं निकला कोई ताजिया ताजिया जुलूस के दौरान कहीं गुलाबी तो कहीं हरी पगड़ी दिखी। वहीं, बूढ़े इमाम साहब के नाम से बड़ी दरगाह से निकला सबसे बड़ा ताजिया को देखने की ललक पूरे शहर में दिखी। इसी ताजिया का सबसे अंत में कर्बला पर जाकर पहलाम किया गया। इसके बाद शहर के कोई भी ताजिया व नौबतखाना नहीं निकला। इससे पहले ही शहर के तमाम ताजिया व नौबतखाना बड़ी दरगाह के कर्बला जाकर रख दिए गए थे।

सड़कें पटी रहीं अखाड़ों के जनसैलाब से, वन वे रहा ट्रैफिक :

मुहर्रम के अखाड़े को लेकर रांची रोड समेत अन्य सड़कों को वन वे कर दिया गया। निजी वाहन कम ही चले। सिर्फ प्रशासन की गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती दिखीं। ताजिया और नौबतखाना निकलने और देखने का सिलसिला शुक्रवार की रात 2 बजे से शनिवार की शाम 6 बजे तक जारी रहा। पूजा पंडालों की पहले ही कर दी गई थी बैरिके¨डग :

प्रशासन ने इस बार हर छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखा। गणेश पूजा को देखते हुए पंडालों व मंदिरों की बैरिके¨डग कर दी गई थी ताकि किसी भी तरह की परेशानी न हो। दरअसल, शुक्रवार की देर रात भूसट्टा से निकलने वाले नौबतखाने को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।


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