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जरासंध से जुड़े स्मारकों का जीर्णोद्धार से पर्यटन में गढ़ा जा सकता है नया आयाम

चक्रवर्ती मगध के राजा सम्राट जरासंध के 5224 वें जन्मोत्सव पर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर में श्री मगध सम्राट जरासन्ध महोत्सव का भव्य आयोजन मंगलवार को किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 11:17 PM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 11:17 PM (IST)
जरासंध से जुड़े स्मारकों का जीर्णोद्धार से पर्यटन में गढ़ा जा सकता है नया आयाम

संवाद सहयोगी, राजगीर : चक्रवर्ती मगध के राजा सम्राट जरासंध के 5224 वें जन्मोत्सव पर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर में श्री मगध सम्राट जरासन्ध महोत्सव का भव्य आयोजन मंगलवार को किया गया।

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महोत्सव का उद्घाटन जहानाबाद के सांसद चन्देश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधानपार्षद रामबली सिंह चन्द्रवंशी, पूर्व मंत्री भीम सिंह, पूर्व विधायक रवि ज्योति, दंत रोग विशेषज्ञ डा धर्मेंद्र कुमार व पूर्व विधान परिषद सदस्य रीना यादव ने दीप प्रज्जवलित कर संयुक्त रूप से किया।

सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा कि पौराणिक नगरी राजगीर का नाम आज भी जरासंध की नगरी की संज्ञा से लिया जाता है। उन्होंने कहा कि राजा जरासंध से जुड़े स्मारकों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण से राजगीर पर्यटन में नया आयाम गढ़ा जा सकता है। सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि सम्राट जरासंध की महागाथा और स्थल राजगीर में पटा हुआ है। इन स्थलों में जरासंध का अखाड़ा, वैभारगिरि पर्वत स्थित बाबा सोमनाथ सिद्धनाथ महादेव मंदिर आदि से राजगीर का पर्यटन सूप्रसिद्ध है। इन स्थलों के विकास के लिए कदम उठाया जाएगा। अखिल भारतीय चंद्रवंशी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जदयू नेता दंत रोग विशेषज्ञ डा धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि राजगीर में एक चौक का नाम महाराज जरासन्ध जी के नाम से रखा जाए। साथ ही उनके आदम कद प्रतिमा उस चौक पर लगाया जाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलन सिंह चंद्रवंशी ने की। जबकि मंच संचालन परिषद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम किशोर भारती ने किया। इस महोत्सव में चंद्रवंशी समाज के सैकड़ों प्रतिनिधियों और वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। जरासंध अखाड़ा परिषद के माध्यम से चंद्रवंशी समाज ने अपने 8 सूत्री मांगों को भारत के प्रधानमंत्री सहित बिहार के मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के पूर्व एक शोभायात्रा निकाली गई जो जरासंध स्मारक मंदिर से शुरू होकर महोत्सव स्थल अंतर्राष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर परिसर में जाकर समाप्त हुई।


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