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33 कोटि देवी-देवता को आमंत्रण, आम जन रखे गए दरकिनार

राजगीर। पहली बार राजगीर में मलमास मेले का शुभारंभ सादे समारोह में हुआ। ध्वजारोहण वैदिक मंत्रोचार व महामंगल आरती करके 33 कोटि देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया। परंतु ऐसा पहली बार हुआ कि आम श्रद्धालुओं को दरकिनार रखा गया। वजह कोरोना संक्रमण के प्रसार का खतरा था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 08:24 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 08:24 PM (IST)
33 कोटि देवी-देवता को आमंत्रण, आम जन रखे गए दरकिनार

राजगीर। पहली बार राजगीर में मलमास मेले का शुभारंभ सादे समारोह में हुआ। ध्वजारोहण, वैदिक मंत्रोच्चार व महामंगल आरती करके 33 कोटि देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया। परंतु ऐसा पहली बार हुआ कि आम श्रद्धालुओं को दरकिनार रखा गया। वजह, कोरोना संक्रमण के प्रसार का खतरा था। कुंड क्षेत्र में चारों ओर बैरिकेटिग करा दी गई थी। पुलिस व शासन के अधिकारी टीम के साथ तैनात किए गए थे। फिर भी सैकड़ों महिलाएं कुंड में स्नान करने के लिए पहुंच गईं और कुंड तक जाने देने की आरजू-मिनन्त करती दिखीं। अंतत: उन्हें कोरोना का खतरा समझ में आया और पौराणिक सरस्वती नदी में स्नान करके पुरुषोत्तम मास के पहले दिन का पुण्य लाभ लिया।

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सबसे पहले ब्रह्म कुण्ड परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार और महामंगल आरती की गई। उसके बाद कुंड क्षेत्र के यज्ञशाला परिसर में विधिवत ध्वजारोहण किया गया। इस क्रम में सभी तीर्थ पुरोहितों ने जय हो तैतीस कोटि देवी-देवताओं के जयकारे लगाए। जिसमें समिति के अध्यक्ष डॉ अवधेश उपाध्याय, सचिव विकास उपाध्याय, अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ धीरेन्द्र उपाध्याय,  पुजारी रवि उपाध्याय व पिटू उपाध्याय, कार्यक्रम संचालक सुधीर कुमार उपाध्याय, रामप्रवेश उपाध्याय, अजीत उपाध्याय, डामा उपाध्याय सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। वैदिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ के लिए कुंड का पवित्र जल लाने को दो कार्यकर्ता लगाए गए थे। वहीं सप्तधारा के प्रवेश द्वार पर महाप्रसाद खीर भी बांटी गई। पंडा समिति के अध्यक्ष डॉ अवधेश उपाध्याय ने कहा कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि मानव जाति के कल्याण और जनहित को प्राथमिकता दें। पुरुषोत्तम मास के दौरान सरकारी एडवाइजरी का भरपूर ख्याल रखा जाएगा। संचालक सुधीर कुमार उपाध्याय ने कहा कि पुरुषोत्तम मास में कोई भी ऐसा आयोजन नहीं होगा, जिससे भीड़ इकट्ठी हो। सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई कि अपने घर में ही आस्था के साथ स्नान-ध्यान करें। पुरुषोत्तम मास के दौरान पंडा समिति के तीर्थ पुरोहित हीं पूजा-पाठ करेंगे।

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गुरुनाक शीतल कुंड में बंटा कड़ाह प्रसाद

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गुरुद्वारा परिसर के गुरुनानक शीतल कुंड में भी विधि-विधान से पुरुषोत्तम मास का शुभारंभ हुआ। बिहार गुरू नानक मिशनरी संस्थान के प्रदेश सचिव सरदार त्रिलोक सिंह, मानवाधिकार संघ के सदस्य आनंद मोहन झा, गुरुद्वारा ग्रंथी मंजीत सिंह समेत कई अन्य ने अरदास कर मत्था टेका। मौके पर कड़ाह प्रसाद भी बांटा गया। सचिव सरदार त्रिलोक सिंह ने बताया कि गुरू नानक देव जी जब राजगीर आए थे तो उस समय मलमास यानी पुरुषोत्तम मास ही चल रहा था। गर्मी का मौसम था। इसी कारण उनके दर्शन को पहुंचे लोगों ने उनसे ठंडे जल की मांग की। तब गुरू नानक ने गर्म जल कुंड में पांव रखा तो पानी शीतल हो गया था।

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विधि व्यवस्था देख रहे ओवर ऑल नोडल ऑफसर अपर अनुमंडलाधिकारी अमित अनुराग ने बताया कि पांच स्थान ब्रह्म कुण्ड, कुंड परिसर के पीछे वाले मार्ग, वीरायतन मोड़, सूर्य कुंड तथा मखदुम कुंड पर मजिस्ट्रेट पुलिस पदाधिकारी तथा दल बल के साथ तैनात किए गए थे। पर्याप्त संख्या में महिला व पुरुष पुलिस भी रखे गए थे। यह इंतजाम केवल पहले दिन के ध्वजारोहण के लिए था। अगले किसी भी आयोजन के लिए पंडा कमेटी को पुन: अनुमति लेनी होगी। कुंड में स्नान पर प्रतिबंध होगा। इस दौरान राजगीर डीएसपी सोमनाथ प्रसाद,  नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी शशिभूषण, थानाध्यक्ष संतोष कुमार, एसआई बादशाह चौहान, ब्रह्म कुंड ओपी इंचार्ज दरोगा बैठा सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। 

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2018 में 2.25 करोड़ में हुई थी मलमास मेला की बंदोबस्ती, सीएम ने किया था उद्घाटन

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वर्ष 2018 में 16 मई से 13 जून के बीच हुए मलमास को राजकीय मेला घोषित किया गया था। जिसका उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने किया था। उस वर्ष मेला सैरात की बंदोबस्ती भी हुई थी। मेले में थियेटर, सर्कस, जादूगर के अलावे मौत का कुआं सहित विभिन्न झूले और मीना बाजार भी लगे थे।मलमास मेला मालिक रहे संजय सिंह ने बताया कि 2 करोड़ 7 लाख में बंदोबस्ती तथा 20 लाख में इसकी रजिस्ट्री की गई थी।


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