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सहजन की पत्तियां व नोनी का साग देगा पोषण, महंगे फलों की दरकार नहीं

चंडी। केंद्र सरकार के पोषण माह मनाने के निर्णय के तहत लोगों में पौष्टिक आहार लेने की प्रवृति पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं। पौष्टिक आहार हमारे आस-पास ही प्रचूर मात्रा में उगते हैं। जिनकी खूबियों के बारे में लोग भूल गए हैं। इसके लिए गांव-गांव में छोटी सी जगह में किचन गार्डेन ही काफी है। जहां साग-सब्जी उपजा कर हम आहार में शामिल कर सकते हैं। मंगलवार को सीडीपीओ कुमारी रश्मि सिंह तथा अंचलाधिकारी कुमारी आंचल ने पोषण रथ को हरी झंडी दिखा रवाना करने के बाद यह कहा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 06:45 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:06 AM (IST)
सहजन की पत्तियां व नोनी का साग देगा पोषण, महंगे फलों की दरकार नहीं
सहजन की पत्तियां व नोनी का साग देगा पोषण, महंगे फलों की दरकार नहीं

चंडी। केंद्र सरकार के पोषण माह मनाने के निर्णय के तहत लोगों में पौष्टिक आहार लेने की प्रवृति पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं। पौष्टिक आहार हमारे आस-पास ही प्रचूर मात्रा में उगते हैं। जिनकी खूबियों के बारे में लोग भूल गए हैं। इसके लिए गांव-गांव में छोटी सी जगह में किचन गार्डेन ही काफी है। जहां साग-सब्जी उपजा कर हम आहार में शामिल कर सकते हैं। मंगलवार को सीडीपीओ कुमारी रश्मि सिंह तथा अंचलाधिकारी कुमारी आंचल ने पोषण रथ को हरी झंडी दिखा रवाना करने के बाद यह कहा। सीडीपीओ ने बताया कि पोषण रथ प्रखंड की सभी 15 पंचायतों में भ्रमण करेगा और लोगों को पोषण संबंधी जानकारी देगा। उन्होंने कहा कि उचित पोषण से ही बच्चों के शरीर का सर्वांगीण विकास हो सकता है। उचित पोषण से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। पोषण माह को सफल बनाने के लिए ऑटो, ई-रिक्शा समेत अन्य वाहनों के जरिए माइकिग कराई जा रही है। ताकि कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण हो सके।

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किचेन गार्डेन, पौधारोपण व कुपोषित बच्चों की पहचान है पोषण माह की थीम

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वर्ष 2020 राष्ट्रीय पोषण माह का थीम किचन गार्डेन को बढ़ावा देने के लिए गंभीर तीव्र कुपोषण (सैम) और पौधरोपण के साथ कुपोषित बच्चों की पहचान और ट्रैकिग रखी गई है। अंचलाधिकारी कुमारी आंचल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के पोषक क्षेत्र के सभी लाभुकों को अपने आसपास में उगने वाले सामान्य अनाज, फल, हरी सब्जियों के सेवन करने, सही पोषण की जानकारी उपलब्ध कराने का उद्देश्य है। सहजन की पत्तियां, नोनी साग, मड़ुआ आदि के सेवन से गर्भवती महिलाओं को एनीमिया से बचाया जा सकता है। मौके पर केयर राजीव सहित कई लोग मौजूद थे।


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