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धान बेचने के लिए किसानों को करना होगा और इंतजार

पैक्सों में धान बेचने के लिए सदस्य किसानों को अभी और इंतजार करना होगा। सहकारिता विभाग ने धान अधिप्राप्ति के लिए गाइड लाइन जारी नहीं किया है। जो स्थिति और सूचनाएं मिल रही है उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि यदि गाइड लाइन शीघ्र जारी हो भी जाता है फिर भी अधिप्राप्ति के लिए अन्य प्रक्रिया पूरी करने में दो सप्ताह का समय लग ही जायेगा। मतलब यह कि 15 दिसम्बर से पहले खरीद करना मुश्किल है। इससे अधिक

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 07:58 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 07:58 PM (IST)
धान बेचने के लिए किसानों को करना होगा और इंतजार
धान बेचने के लिए किसानों को करना होगा और इंतजार

नालंदा। पैक्सों में धान बेचने के लिए सदस्य किसानों को अभी और इंतजार करना होगा। सहकारिता विभाग ने धान अधिप्राप्ति के लिए गाइड लाइन जारी नहीं किया है। जो स्थिति और सूचनाएं मिल रही है उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि यदि गाइड लाइन शीघ्र जारी हो भी जाता है, फिर भी अधिप्राप्ति के लिए अन्य प्रक्रिया पूरी करने में दो सप्ताह का समय लग ही जाएगा। मतलब यह कि 15 दिसंबर से पहले खरीद करना मुश्किल है। इससे अधिक लेट लतीफी संभव है। कहीं ऐसा न हो कि नए साल में ही खरीद शुरू हो सके। क्योंकि व्यवस्था गत नियम कायदे भी कम बाधक साबित नहीं होते। केंद्रीय सहकारी बैंक एवं राज्य खाद्य निगम के तिकड़म भी कम नहीं होते। सामान्यतया धान अधिप्राप्ति की शुरुआत 15 नवम्बर से हो जाती थी। इस साल अधिप्राप्ति में विलंब की वजह विधानसभा सदस्यों के चुनाव तथा नई सरकार की गठन को माना जा रहा है।  

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बंपर हुई है उपज

 जिले में धान की बंपर उपज हुई है। धान कटकर खेत से खलिहान आ रहा है। बिक्री की उम्मीद नहीं देख उसकी दौनी में भी किसान शिथिलता बरत रहे हैं। खलिहान में पड़े धान की आग से सुरक्षा करना अलग चुनौती बनी है। आये दिन कहीं न कहीं से अगलगी में धान जलने की सूचना मिल रही है। जिन किसानों ने दौनी कर ली है उनके सामने भंडारण की समस्या है। मिलरों के पास भी धान भंडारण की जगह कम है। मिलों में पिछले सीजन का धान पड़ा हुआ है।

एमएसपी 1868 रुपये,बाजार मूल्य 1375 रुपये 

सरकार ने जहां धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विटल निर्धारित किया है वहीं  बाजार में यह मात्र 1375 रुपये प्रति क्विटल खरीदी जा रही है। जिन किसानों को धान बेचने की विवशता है उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रति क्विटल 493 रुपये का घाटा हो रहा है।

जिनके घर में शादी उन्हें धान बेचने की विवशता

विवाह के लग्न दो दिन बाद शुरू हो रहे हैं। जिनके घर में बेटी की शादी तय है उन किसानों को धान बेचने की विवशता है। वे बाजार में बेच रहे हैं। उन्हें बरात सम्भालने के लिए रुपये की जरूरत है। टेंट, लाइट, डेकोरेशन वीडियोग्राफी,हलवाई,किराना दुकानदार आदि को रुपये चुकता करना है। 

-----------------------सस्ते दाम की वजह

 बाजार में धान सस्ता होने की दो वजह बताई जा रही है। पहली तो यह कि पिछले बार मिलरों के यहां संग्रह धान अबतक पड़ा हुआ है। इस कारण व्यापारी से मिलर धान नहीं खरीद रहे। दूसरी यह कि कोरोना लाकडाउन के कारण पीएम गरीब कल्याण योजना में जनवितरण कोटा में उपभोक्ताओं को दो गुणा अनाज मिल रहा। इसका सीधा असर बाजार पर पड़ा है। चावल के साथ गेहूं भी सस्ती हो गयी है।

किसान कराएं रजिस्ट्रेशन

पैक्स में धान बेचने के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। पहला तो वह किसान कृषि विभाग से ऑन लाइन रजिस्टर्ड हों। फिर पैक्स में धान बेचने के लिए सहकारिता विभाग से ऑन लाइन रजिस्टर्ड होने चाहिये। तभी उनके धान स्वीकार होंगे। क्योंकि धान अधिप्राप्ति एवं उसके एवज में भुगतान भी पीएफएमएस यानी पब्लिक फाइनान्स मैनेजमेंट सिस्टम से होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल खुले हैं।

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कैसे करें आवेदन

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धान बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू है। पंजीकरण कराना जरूरी होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन पत्र के साथ किसान का कृषि विभाग का पंजीकरण संख्या,बैंक पास बुक, ़फोटोग्राफ,खेत का लगान रशीद की जरूरत पड़ती है। गैर रैयत किसानों के लिए वार्ड सदस्य या किसान सलाहकार द्वारा अग्रसारित आवेदन पत्र की जरूरत पड़ती है। जिस किसान का कृषि विभाग में पंजीकरण नहीं हुआ है उन्हें पहले पंजीकरण कराना होगा।

पिछले साल का लक्ष्य

धान की बंपर उपज को देखते हुए पैक्स अध्यक्ष इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस बार खरीद को सीमा में नहीं बांधा जाय। पिछले सीजन में रैयत के लिए 15 क्विटल एवं गैर रैयत के लिए 10 क्विटल प्रति एकड़ खरीद तय कर दिया गया था। पिछले सीजन में जिले में 1.90 लाख एमटी अधिप्राप्ति लक्ष्य रखा गया था।

अधिकारी ने कहा

जिला सहकारिता पदाधिकारी सत्येन्द्र कुमार प्रसाद ने कहा कि अभी कोई दिशानिर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। उम्मीद है कि शीघ्र ही प्रक्रिया शुरू हो जाय।


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