राज्य खाद्य निगम की कार्यशैली से हताश हो रहे पैक्स व व्यापार मंडल
नालंदा । राज्य खाद्य निगम भ्रष्टाचार की हद को पार कर चुका है। जिससे धान एवं गेहूं अधिप्राप्ति से
नालंदा । राज्य खाद्य निगम भ्रष्टाचार की हद को पार कर चुका है। जिससे धान एवं गेहूं अधिप्राप्ति से जुड़े पैक्सों, व्यापार मंडलों के प्रतिनिधियों का जनसेवा करने की उत्साह कमजोर हो रहा है। जिसका कुप्रभाव आगामी अधिप्राप्ति कार्य पर पड़ेगा। उक्त बातें मंगलवार को नालंदा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष सह जिला पैक्स संघ के अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार ने प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि पैक्स व व्यापार मंडल के प्रतिनिधि राज्य खाद्य निगम की कार्यशैली से हताश होकर अधिप्राप्ति कार्यक्रम वर्ष 2016-17 अन्तर्गत निगम को प्राप्त कराए गए सीएमआर का बकाया राशि एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बावजूद राशि का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि पैक्सों द्वारा प्राप्त कराए गए सीएमआर के संग्रह केन्द्रों से सीएमआर का उठाव होकर भंडारण शून्य हो चुका है। जिसमें निगम को राशि भी प्राप्त हो चुका है। इस संदर्भ में संग्रह केन्द्र से भंडारण शून्य हो चुके गोदामों से संबंधित पैक्सों को बकाया राशि अविलंब भुगतान करने का निर्देश जिला पदाधिकारी ने एक माह पूर्व में ही दिया था। फिर भी निगम ने राशि का भुगतान नहीं किया। उन्होंने कहा कि डीएम के निर्देश के फलस्वरूप एक माह में पैक्स संघ के नेतृत्व का दवाब से मात्र चार पैक्सों का बकाया राशि भुगतान किया गया है। जिसमें घुस देने वाले पैक्सों को सीएमआर एवं आकस्मिक व्यय के साथ संपूर्ण राशि का भुगतान किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जो पैक्स निगम कार्यालय में घुस नहीं दिया है उस पैक्स को मात्र सीएमआर का राशि का भुगतान किया गया है। वर्तमान वर्ष 2017-18 की अधिप्राप्ति में पैक्सो को सीएमआर का राशि समय पर भुगतान नहीं हो रहा है। अवैध वसूली के चक्कर में बिल भुगतान में काफी विलंब हो रहा है। निगम का इस प्रकार की दोहरी नीति भ्रष्टाचार को स्पष्ट प्रमाणित करता है। श्री कुमार ने जिला प्रशासन व सरकार से अविलंब पहल कर भ्रष्टाचार को दूर करने एवं बकाया राशि का भुगतान करने की मांग की है।