नालंदा मेंबाल वैज्ञानिकों ने लहराया परचम
नालंदा। नन्हें हाथों ने प्रदर्शनी लगाकर विज्ञान की गुत्थियां सुलझाई, तो बड़े विज्ञानी भी दांतों
नालंदा। नन्हें हाथों ने प्रदर्शनी लगाकर विज्ञान की गुत्थियां सुलझाई, तो बड़े विज्ञानी भी दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गए। बच्चों द्वारा एक से बढ़कर ज्ञानवर्द्धक प्रदर्शनी लगा यह बता दिया कि अगर हम अभी नहीं चेते तो फिर हमारे पास चेतने के लिए कुछ भी नहीं बचेगा। 23वां राज्यस्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस आरपीएस स्कूल मकनपुर में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के अंतिम दिन सोमवार को बाल वैज्ञानिकों को पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया। इस बार प्रतियोगिता में कुल 264 प्रस्तुति बाल वैज्ञानिकों द्वारा की गयी थी। प्रतियोगिता में राज्य के कुल 36 जिलों के प्रतिभागियों ने भाग लिया था। पुरस्कार वितरण समारोह में मौजूद राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस के निदेशक जयप्रकाश ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों की भावना को जागृत करना है। बच्चों की वैज्ञानिक सोच को सही मार्गदर्शन करना है। नालंदा में प्रतिभा की कमी नहीं है। जरूरत है सिर्फ इन्हें निखारने और सही रास्ता दिखाने की। इन बच्चों के सोच से समाज और देश कैसे लाभान्वित हो, इनकी प्रतिभा को विश्व स्तर पर पहुंचाना है।
निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल से 149 बाल वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान राज्य के प्रत्येक जिलों में विज्ञान विशेषज्ञों पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। साथ ही प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों की जीवनी पर पुस्तक भी प्रकाशित की जाएगी। बच्चों को कैरियर बनाने में विज्ञान कैसे मददगार साबित होगा, इसके लिए भी योजना बनायी जा रही है। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को बाल विज्ञान कांग्रेस मदद भी करेगा। कार्यक्रम में आरपीएस स्कूल के निदेशक अर¨वद कुमार ¨सह सहित अभिभावक और शिक्षक मौजूद थे।
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इनसेट
50 प्रोजेक्ट को एससीइआरटी को भेजा जायेगा : मनोहर
एससीइआरटी के निदेशक मुरली मनोहर ने कहा कि नालंदा के छात्रों में बहुत दम है। वे चाहें तो चांद पर सीढ़ी लगा दें। देश का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जहां नालंदा के छात्रों ने अपना परचम न लहराया हो। राज्यस्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में इतना अधिक प्रोजेक्ट अभी तक नहीं आये थे। पहला मौका होगा जब इतने जिलों के बच्चों ने इतनी अधिक संख्या में बाल विज्ञान कांग्रेस कार्यक्रम में भाग लिया हो। बच्चों द्वारा कुल 264 प्रेजेन्टेशन लगाये गये। इसमें से 50 प्रोजेक्ट को एससीइआरटी को भेजा जायेगा। पटना के एससीइआरटी प्रांगण में 21 नवंबर को संवर्द्धन कार्यक्रम में 30 प्रोजेक्ट का चयन राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए किया जोयगा। इसके लिए पटना में चार दिनों का कैम्प लगाया जायेगा। नालंदा से कुल 10 प्रोजेक्ट शामिल किये गये हैं।